मिथुन राशि: जीवन में आने वाली परेशानियों दूर होंगी, जब करें ये उपाय
Mithun Rashifal: मिथुन राशि वालों के जीवन में यदि जॉब और बिजनेस से जुड़ी समस्याएं आ रही है तो ग्रहों की स्थिति को समय रहते ठीक कर लेना चाहिए. आइए जानते हैं उपाय.
Gemini Horoscope In Hindi: मिथुन राशि को ज्योतिष शास्त्र में राशि चक्र के अनुसार तीसरी राशि माना गया है. सभी राशि में मिथुन राशि को द्वीस्वभाव की राशि माना गया है. मिथुन राशि की आकृति को देखेंगे तो पाएंगे कि इसमें जुड़वा प्रतीक हैं. जो बहुमुखी और आकर्षण का प्रतीक है.
मिथुन राशि वाले दोस्त जल्दी बनाते हैं मिथुन राशि जिनकी होती है उनमें मित्रता करने का विशेष गुण होता है. ऐसे लोगग् राह चलते लोगों से दोस्ती कर लेते हैं. ये लोग जिंदादिल और तर्क शास्त्र में प्रवीण होते हैं इनके पास हर सवाल का जवाब होता है. ये हर कार्य को बहुत ही फुर्ती से करते हैं. मिथुन राशि के जातकों में चीजों को जानने और समझने की गजब की ललक पाई जाती है. यही कारण है कि हर कार्य को बहुत जल्द जान और समझ लेते हैं.
मिथुन राशि वाले मार्केटिंग में सफल होते हैं मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं. जन्म कुंडली में यदि बुध शुभ स्थिति में विराजमान हो तो मिथुन राशि वाले वाकपटुता में माहिर होते हैं. वार्तालाप में निपुण होने के कारण ये मार्केटिंग के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं. ऐसे लोग अपनी बात को दूसरों के सामने इस तरह से प्रस्तुत करते हैं कि सामने वाला प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता है.
इन बातों का रखें ध्यान मिथुन राशि के जातकों को मानसिक तनाव होने लगे और हर कार्य में बाधा आने लगे तथा परिश्रम का पूरा फल प्राप्त न हो तो समझ लेना चाहिए कि जन्म कुंडली में बैठे राहु-केतु अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं. राहु-केतु के अशुभ होने पर धनहानि और जमा पूंजी खर्च होने लगती है. संबंध भी खराब होने लगते हैं और बुरी आदतें घेरने लगती हैं. इस प्रकार की दिक्कतें महूससे होने लगे तो तुरंत ही राहु-केतु का उपाय शुरू कर देना चाहिए.
परेशानियों से बचने का उपाय मिथुन राशि वालों को जब राहु-केतु से संबंधित परेशानी महसूस होने लगे तो सबसे पहले इस बात का पता लगाना चाहिए कि जन्म कुंडली में काल सर्प दोष या पितृ दोष तो नहीं है. राहु-केतु के मध्य जब सभी ग्रह आ जाते हैं तो काल सर्प दोष का निर्माण होता है. ये दोष होने पर व्यक्ति का जीवन संकटों से घिर जाता है. इसलिए काल सर्प दोष को शांत कराएं, भगवान शिव की पूजा करें, बुधवार को भगवान गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ाएं. ऐसा करने से अशुभता को दूर करने में मदद मिलेगी.