Shani Dev: नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करने से शांत होते हैं शनिदेव, साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित व्यक्ति जरूर करें पूजा
Navratri 2021: 19 अप्रैल सोमवार को पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. नवरात्रि के सांतवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. कालरात्रि की पूजा करने से शनिदेव भी शांत होते हैं.
Chaitra Navratri 2021: नवरात्रि का पर्व चल रहा है. चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि को अत्यंत पावन और पवित्र माना गया है. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और हर प्रकार की समस्या और परेशानियां दूर होती है.
नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा का विधान बताया गया है. 19 अप्रैल 2021 को सप्तमी तिथि है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि असुरों का नाश करती हैं. मां कालरात्रि की पूजा करने से शत्रु पराजित होते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करती हैं.
मां कालरात्रि और शनिदेव का संबंध
चैत्र नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है. मां कालरात्रि का शनिदेव से भी संबंध है. मां कालरात्रि का रंग काला है और शनिदेव का रंग भी काला है. शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता माना गया है. मां कालरात्रि भी गलत कार्यों को करने वालों को दंडित करती हैं. पंचांग के अनुसार सप्तमी की तिथि के स्वामी सूर्यदेव हैं और शनिदेव के पिता भी सूर्य देव हैं.
इस वर्ष सप्तमी की तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है. शनिदेव भगवान शंकर के भक्त हैं. शनिदेव ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी. शनिदेव की तपस्या से प्रसन्न होकर ही भगवान शिव ने शनि को सभी 9 ग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा प्रदान किया था और वरदान दिया था कि शनि की दृष्टि से मनुष्य और देवता भी नहीं बच पाएंगे.
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या
वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनिदेव की विशेष दृष्टि है. मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. नवरात्रि में इन 5 राशि वालों को मां कालरात्रि की पूजा करने से शनि की क्रूर दृष्टि से राहत मिलती है. इसलिए नवरात्रि में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मां कालरात्रि की पूजा जाती है.
शनि के उपाय
- सप्तमी के दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें.
- काली उड़द और सरसों के तेल का दान करें.
- परिश्रम करने वालों का सम्मान करें.
- जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद करें.
- रोगियों को फल और दवा का वितरण करें.
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