Moon: ग्रहों के राजा सूर्य जोकि अग्नि युक्त हैं. इनका ताप इतना प्रचंड है. हर ग्रह अपनी सहनशीलता के अनुसार सूर्य से एक निश्चित दूरी पर पहुंच कर अस्त हो जाता है, सूर्य की ऊष्मा और तेज के आगे ग्रह स्वयं की चमक खो देता है. वह आकाश में दृष्टिगोचर नहीं होता. जिस प्रकार सूर्य के तेज के सामने जलती हुई टॉर्च अपना प्रकाश खो देती है. इस स्थिति को ग्रह का अस्त होना कहते हैं. सभी ग्रह सूर्य के सामने अस्त होते हैं राहु और केतु छाया ग्रह हैं, अतः ये कभी अस्त नहीं होते. हम लोग नियमित रूप से ग्रहों के अस्त होने पर इसका राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसको विस्तार से समझेंगे. आज हम चंद्रमा के अस्त होने के प्रभाव पर चर्चा कर रहे हैं -


ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार चंद्रमा सूर्य से 12 अंशों में आने पर अस्त अवस्था में माने जाते हैं. जब कोई ग्रह अस्त होता है तो उसके मुख्य कारकत्वों में कमी आ जाती है और वह सूर्य की स्थिति के अनुसार फल देने लगता है. प्रत्येक ग्रह किसी विशेष कारकत्व के कारण हर किसी के लिए अति आवश्यक है, इसलिए अस्त ग्रह को मजबूत बनाना चाहिए जिससे कि वो अपने नैसर्गिक फल प्रदान कर सके.


मेष- मेष राशि वालों के लिए चंद्रमा सुख का कारक है. चंद्रमा के अस्त होते ही संतुष्टि की भावना कम हो जाएगी. सब कुछ होते हुए भी उसका सुख लेने की प्रवृत्ति कम रहेगी. मानसिक रूप से विषम परिस्थिति में मन जल्दी परेशान हो जाएगा. वाहन व भवन सुख में भी कमी रहती है. इसके अलावा मां के सुख में भी कमी रहती है. 


वृष- इस राशि वालों के लिए चंद्रमा के अस्त होते ही उनके टैलेंट में कमी आ जाती है. छोटे भाई बहनों के सुख में कमी रहती है. पैतृक गुणों की प्राप्ति कम होती हैं. जहां कहीं साहस दिखना हो वहां पर पराक्रम में कमी हो जाती है.  व्यक्ति बहुत कलात्मक नहीं होता है.  


मिथुन- संयुक्त परिवार में रहने में दिक्कत होती है या फिर संयुक्त परिवार का सुख नहीं मिलता है. कमाई चाहें जितनी हो लेकिन बैंक में पैसा नहीं होता है. सेविंग के मामले में कमजोर होते हैं. प्रारम्भिक शिक्षा में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 


कर्क- इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है. आत्मबल कमजोर हो जाता है. पिता के संरक्षण की कदम कदम पर आवश्यकता पड़ती हैं. अपनी बात को बहुत प्रभावित तरीके से पेश नहीं कर पाते हैं. छोटी छोटी बात पर झुंझलाने लगते हैं.  


सिंह- इस राशि में चंद्रमा के अस्त होते ही खर्ज की लिस्ट लम्बी हो जाती है. यदि वाहन सावधानी से नहीं चलाया जाए तो इनकी दुर्घटना होते देर नहीं लगती है. विवादों से दूर रहना चाहिए क्योंकि बात बढ़ते बढ़ते मामला पुलिस तक जा सकता है यदि कुंडली के अन्य ग्रहों से सहयोग नहीं मिला तो हवालात की हवा तक  खानी पड़ सकती है. 


कन्या- इस राशि वालों में चंद्रमा अस्त होते ही इनकी कमाई भी अस्त हो जाती है. मेहनत बहुत करते हैं लेकिन सैलरी कम ही रहती है. बॉस से सैलरी बढ़ाने के लिए निरंतर निवेदन करते हैं लेकिन फिर भी संतोषजनक परिणाम नहीं प्राप्त होते हैं. बड़े भाई बहन का सुख बहुत अधिक नहीं प्राप्त होता है. 


तुला- इसमें काम करने में मन कम लगता है. बहुत अधिक कर्मठ नहीं हो पाते हैं इनको पता होता है कि बहुत मेहनत करनी चाहिए लेकिन फिर भी नहीं कर पाते हैं. कई बार अवसर इनकी आंखों के सामने से निकल जाते हैं. यश में भी कमी रहती हैं.  


वृश्चिक- कड़ी मेहनत करने के बात फल न मिले तो कहते हैं कि भाग्य ही खराब था, ठीक इसी प्रकार चंद्रमा के अस्त होते भाग्य का जितना बल प्राप्त होना चाहिए उतना नहीं मिल पाता है. धर्म में रुचि भी कम रहती है.  


धनु- इसमें चंद्रमा के अस्त होने का बहुत खराब प्रभाव नहीं होता है. इसमें मन थोड़ा कमजोर हो सकता है लेकिन स्वास्थ्य ठीक रहता है. ससुराल से बहुत अधिक सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है.   


मकर- जीवन साथी के साथ संबंधों में कुछ कमी रहती है. पार्टनरशिप में भी कमी रहती है. दोस्तों के साथ बहुत लम्बी दोस्ती नहीं चल पाती है. नए नए दोस्त बनते रहते हैं.


कुंभ- प्रतियोगिता में विजय प्राप्त होती है. कुंभ राशि वालों के लिए चंद्रमा का अस्त होना बहुत खराब फल नहीं देता है. ठंड से परेशानियां होती है. ठंडे खाद्य पदार्थ नुकसान जल्दी करते हैं. कर्ज के कारण तनाव हो सकता है या फिर कर्ज न मिले इसको लेकर परेशानी हो सकती है.  


मीन- मानसिक रूप से बल कुछ कम हो जाता है. विद्यार्थियों को तुरंत विषय को समझने में थोड़ी सी परेशानी होती है लेकिन एक बार समझ में आने के बाद फिर कोई दिक्कत नहीं आती है. महिलाओं को गर्भावस्था में परेशानी रहती है.


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