(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Safalta Ki Kunji: पुण्य का नाश करती है ब्रह्म मुहूर्त की निद्रा, सफलता चाहिए तो समझें इसका महत्व
Safalta Ki Kunji: सफलता के लिए ब्रह्म मुहूर्त के महत्व को समझना जरूरी है. इसे शुभ मुहूर्त माना गया है, जिसमें किए गए कामों से सफलता मिलती है. मान्यता है कि इस समय वायु में अमृत धारा प्रवाहित होती है.
Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts In Hindi: कहते हैं ना कि सफलता चाहिए तो नींद से जागना पड़ेगा. लेकिन केवल नींद से जागना ही काफी नहीं है, बल्कि सही समय पर जागना जरूरी होता है. सफलता के लिए ब्रह्म मुहूर्त को महत्वपूर्ण माना गया है. इस शुभ मुहूर्त में किए गए कामों से आपको सफलता जरूर मिलेगी. शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में ब्रह्म मुहूर्त की महिमा के बारे में बताया गया है.
सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक के समय को एक दिन माना जाता है, जोकि 24 घंटे का होता है. एक दिन में 30 मुहूर्त होते हैं और हर मुहूर्त 48 मिनट का होता है. ग्रहों की चाल से इन मुहूर्त में शुभ और अशुभ योग का निर्माण होता है. इसलिए कहा जाता है कि, शुभ मुहूर्त में ही किए कामों से व्यक्ति को सफलता मिलती है.
शुभ मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार, कई मुहूर्त में ब्रह्म मुहूर्त ऐसी अवधि होती है जिसे भक्ति, ध्यान और अध्ययन के लिए श्रेष्ठ माना गया है. माना जाता है कि, ब्रह्म मुहूर्त ऐसा समय होता है, जिसमें भगवान भ्रमण करते हैं और इस समय वायु में अमृत धारा प्रवाहित होती है. धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से इस मुहूर्त को बहुत लाभकारी माना गया है.
आपको बता दें कि, रात्रि के अंतिम प्रहर के तीसरे भाग का काल ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है. यह सूर्योदय से लगभग 90 मिनट या डेढ़ घंटे पहले का समय होता है. समय के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त लगभग प्रात: 04:24 से 05:12 तक का समय होता है.
सफलता चाहिए तो समझें ब्रह्म मुहूर्त का महत्व
ब्रह्ममुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी (मनुस्मृति)
इसका अर्थ है कि, ब्रह्म मुहूर्त की निद्रा पुण्य का नाश करने वाली होती है. इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में सोकर अपने पुण्य का नाश करने के बजाय जल्दी उठकर सफलता के लिए लक्ष्य की ओर बढ़ें.
प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृह्यनिधत्तो।
तेन प्रजां वर्धयमान आयू रायस्पोषेण सचेत सुवीर:॥ (ऋग्वेद)
अर्थ है- सूर्योदय से पहले उठने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और इस कारण जो लोग समझदार होते हैं वो इसे व्यर्थ नहीं जाने जाते. वे जल्दी उठकर स्वस्थ, सुखी, ताकतवर और दीर्घायु बनते हैं. साथ ही ऐसे लोग सफलता को भी हासिल करते हैं.
यद्य सूर उदितोऽनागा मित्रोऽर्यमा।
सुवाति सविता भग:॥ (सामवेद)
इसका अर्थ है कि, सूर्योदय से पहले उठकर जो लोग नित्यकर्मों से निवृत्त होकर भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है.
ये भी पढ़ें: Safalta Ki Kunji: जो लोग सुबह उठकर करते हैं ये काम, उनके द्वार पधारती हैं मां लक्ष्मी और मिलती है सफलता
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.