Motivation Thought in Hindi : चाणक्य नीति के अनुसार युवाओं के लिए युवावस्था बहुत ही अहम मानी गई है. ये जीवन की वही अवस्था होती है जिसमें करियर की दशा और दिशा तय होती है. इसलिए आचार्य चाणक्य ने युवावस्था को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है. चाणक्य के अनुसार जो युवा उम्र के इस पड़ाव में आकर सर्तक और गंभीर हो जाते हैं, वे जीवन में अपार सफलता प्राप्त करते हैं. ऐसे लोगों को आगे चलकर पद, प्रतिष्ठा और धन की देवी लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.


वहीं जो युवा, युवावस्था में लक्ष्य से भटक कर गलत आदतों को अपना लेते हैं, वे अपने मकसद से तो भटकते ही हैं, साथ ही साथ मानसिक तनाव, अवसाद और दूसरों की निंदा के भी पात्र भी बनते हैं. इसलिए युवावस्था में गलत कार्य, गलत आदतों से बचना चाहिए. इनका त्याग करना चाहिए. युवावस्था में चाणक्य की इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए-


आत्मविश्वास पैदा करें- चाणक्य नीति कहती है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए आत्मविश्चास सबसे जरूरी है. जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है, वे कितने ही प्रतिभाशाली और योग्य क्यों न हों सफलता से दूर ही रहते हैं. आत्मविश्वास ज्ञान, अनुभव और संस्कारों से पैदा होता है. इसलिए इन्हे पाने के लिए जीवन में सदैव गंभीर रहना चाहिए.


अनुशासन- चाणक्य नीति कहती है कि युवावस्था में अनुशासन का विशेष महत्व है. अनुशासन जीने की कला को सीखाता है. जिसके जीवन में अनुशासन नहीं है, उसका जीवन आगे चलकर कष्टों से भर जाता है. युवावस्था में कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिए. प्रत्येक कार्यों को समय पर पूर्ण करने की आदत डालनी चाहिए. जो अनुशासन से ही संभव है. जीवन में बड़े लक्ष्य को पाने में अनुशासन की आदत बड़ा योगदान प्रदान करती है.


नशा कभी न करें- चाणक्य नीति कहती है कि ये जीवन अनमोल है. इसका महत्व पहचानो. युवावस्था में गलत आदतें भी जल्द आकर्षित करती हैं. इसमें से एक नशा भी है. नशा एक ऐसी चीज है जो तन,मन और धन को बर्बाद करती है. इससे हर कीमत पर बचना चाहिए. नशा करने वाले स्वयं का तो नाश करते ही हैं साथ ही साथ अपनों को भी दुख और कष्ट में डालते हैं.