Motivational Thoughts in Hindi , Safalta Ki Kunji : सफलता की कुंजी के अनुसार व्यक्ति को यदि सफलता और सम्मान चाहिए तो इसके लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कई बार व्यक्ति थोड़ी सी ही सफलता मिलने पर अतिउत्साह और अहंकार में डूब जाता है. ये भविष्य को देखते हुए अच्छे संकेत नहीं माने जाते हैं. व्यक्ति को जैसे जैसे सफलता मिलती जाती है, उसके गंभीर और अपने जिम्मेदारियों को जागरूक रहना चाहिए. जो लोग इन बातों का ध्यान रखते हैं उन्हें कभी असफलता का मुख नहीं देखना पड़ता है. ऐसे लोगों पर लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है, वहीं जो लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं उनके पास से लक्ष्मी जी भी चली जाती है और जीवन संघर्ष और कष्टों से भर जाता है.


अहंकार कभी न करें- सफलता की कुंजी कहती है कि सफलता मिलने पर व्यक्ति को अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूलना चाहिए. जो व्यक्ति अपने संघर्ष के दिनों को भूल जाता है और अहंकार को अपना लेता है. ऐसे व्यक्ति के पास सफलता अधिक दिनों तक नहीं रहती है. सफलता के चले जाने पर इसे दोबारा प्राप्त करना अत्यंत कठिन होता है, इसलिए सफलता मिलने पर अहंकार से बहुत दूर रहना चाहिए. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि अहंकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु हैं.


लोभ अवगुणों में वृद्धि करता है- सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति को धैर्यवान होना चाहिए. जो व्यक्ति अधिक लोभ करता है, उसे लक्ष्मी जी अपना आशीर्वाद नहीं देती है. लोभ व्यक्ति को कभी कभी स्वार्थी भी बना देता है. यही नहीं लोभ व्यक्ति को गलत कार्यों को करने के लिए भी प्रेरित करता है. लोभ करने वाले से दूसरे लोग दूरी बनाना पसंद करते हैं. इसलिए लोभ नहीं करना चाहिए. लोभ करने वाले व्यक्ति को सम्मान भी प्राप्त नहीं होता है.


स्वार्थी न बनें- सफलता की कुंजी कहती है कि अपने लाभ के लिए कभी भी दूसरों को धोखा नहीं देना चाहिए. जो लोग लाभ के लिए दूसरों के साथ छल् करते हैं, ऐसे लोगों के बारे में जब अन्य लोगों को पता चलता है तो इनसे दूरी बना लेते हैं. धोखा देने वाले व्यक्ति को कभी सम्मान नहीं मिलता है. ये एक बुरी आदत है.


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