Narak Chaturdashi 2021: पंचांग के अनुसार 3 नवंबर 2021, बुधवार को कार्तिक मास (Kartik Month) की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाती है. इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मंगलवार को हनुमान जी प्रकट हुए थे, धार्मिक मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम से दीपदान का भी विधान है.
श्रीकृष्ण ने नरकासुर का किया था वध
नरक चतुर्दशी को नरक चौदस और छोटी दीपावली भी कहते हैं. नरक चतुर्दशी को ऐसा प्लान करिए जिससे नरक चतुर्दशी के मूल उद्देश्य की पूर्ति हो. नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था इसलिए इसको नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. वैसे कोई भी पर्व हो या त्यौहार हो उसका मूल उद्देश्य और प्रयोजन सकारात्मक भाव के साथ ईश्वर से प्रार्थना करना है. ईश्वर के शरण में जाना और उनसे वरदान प्राप्त करना, उनकी कृपा प्राप्त करना, उनका स्नेह प्राप्त करना ही उद्देश्य होता है.
नरक चतुर्दशी में कई प्रकार की मान्यताएं हैं. नरक शब्द का अभिप्राय मलिनता से है. मलिनता को दूर करना ही मुख्य लक्ष्य है. यह मलिनता शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक सभी स्तरों से है. हर स्थान से मलिन यानी अनुपयोगी चीजों को दूर करना है. इसी का संकेत है कि नाली के किनारे भी दीपक जलाने का प्रावधान बताया गया है. बेकार का डेटा दिमाग और डिवाइस से हटाना चाहिए. नरक चौदस के दिन अपने मोबाइल, लैपटॉप में अनुपयोगी डेटा जैसे हिंसक वीडियो, फोटो आदि को भी डिलीट करना चाहिए. इसके अतिरिक्त लैपटॉप बैग एवं वॉलेट भी साफ करना चाहिए.
आर्थिक तंगी हो तो तेल मालिश करें
मान्यता है कि चतुर्दशी यानी नरक चौदस के दिन लक्ष्मी जी सरसों के तेल में निवास करती हैं उस दिन शरीर में तेल लगाने से आर्थिक रूप से संपन्नता आती है. जिन लोगों को आर्थिक रूप से तंगी रहती हो उनको इस दिन सरसों का तेल लगाना चाहिए. नरक चौदस के दिन उबटन लगाएं, उसके बाद गुनगुने पानी से स्नान करें. इस दिन शारीरिक सुंदरता का भी ध्यान रखने की मान्यता है.
हनुमान जी का जन्मदिन
नरक चतुर्दशी के दिन मान्यता है कि श्री हनुमान का जन्म हुआ था. हनुमान जी की उपासना करने का बहुत महत्व है. नरक चतुर्दशी के दिन 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ यदि पूरे परिवार के साथ बैठकर कर किया जाए, तो जीवन में कई प्रकार के बंधन संकट तनाव से मुक्ति मिल जाती है. तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में लिखा है कि
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।।
यम की पूजा का प्रावधान
जिनका नाम सुनकर हर व्यक्ति डर जाता है. हर व्यक्ति को उसके प्रति चिंता होती है, और वह देवता हैं सूर्यपुत्र यम. इस दिन दक्षिण दिशा में दीप जलाना चाहिए क्योंकि दक्षिण में यम का वास होता है.
एक उपाय - नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से जीवन में जो परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उससे छुटकारा मिलता है.
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