![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Nautapa 2023 Date: सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही शुरू होगा नौतपा, नौतपा को लेकर क्या कहते हैं ज्योतिष
Nautapa 2023 Date: 25 मई 2023 को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा या नवतपा की शुरुआत हो जाएगी और 9 दिनों तक प्रचंड गर्मी पड़ेगी.
![Nautapa 2023 Date: सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही शुरू होगा नौतपा, नौतपा को लेकर क्या कहते हैं ज्योतिष Nautapa 2023 date 9 days summer weather start in year 2023 sun entry into rohini nakshatra on may 25 Nautapa 2023 Date: सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही शुरू होगा नौतपा, नौतपा को लेकर क्या कहते हैं ज्योतिष](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/17/31f6ed881a3fa5aa300033b60dce8be11684324590821466_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Nautapa 2023 Date: हर साल ज्येष्ठ महीने में ग्रीष्म ऋतु के साथ नौतपा की शुरुआत होती है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जब सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र यानी रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तब नौतपा की शुरुआत होती है. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास बताते हैं कि, सूर्य 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद नौ दिन का नौतपा होता है और इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है. सूर्य 25 मई 2023 को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में ही रहेंगे.
सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में कुल 15 दिनों तक विराजमान रहते हैं. इसके शुरुआत का नौ दिन सबसे अधिक गर्मी वाला होता है. क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है और प्रचंड गर्मी का अहसास होता है. नौतपा के 9 दिनों के समय को एक महत्वपूर्ण मौसमी घटनाक्रम माना गया है. यह तब शुरू होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन के लिए प्रवेश करते हैं और शुरुआत के 9 दिन धरती काफी तेज तपती है. इन्हीं शुरुआती 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर लंबवत पड़ती है. ऐसा आमूमन मई-जून महीने के बीच होता है.
नौतपा को लेकर क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य व्यास जी बताते हैं कि नौतपा का मतलब सूर्य का नौ दिनों तक अपने सर्वोच्च ताप में होना है. यानी इस दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है. चंद्रदेव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं, जो शीतलता के कारक हैं. लेकिन इस समय वे सूर्य के प्रभाव में आ जाते हैं. जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो इन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं. इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य व्यास जी बताते हैं कि, नौतपा के कारण संक्रामक रोगों में कमी आती है. खगोल विज्ञान के अनुसार इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधी लंबवत पड़ती हैं. जिस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है. दसवें दिन से यह दूरी बढ़ने लगती है. यदि नौतपा के सभी दिनों में तपती गर्मी रही तो यह अच्छी बारिश का भी संकेत होता है.
नौतपा कब से कब तक
भविष्यवक्ता व्यास जी बताते हैं कि, नौतपा हर बार मई-जून महीने के बीच ग्रीष्म ऋतु में आती है. इसबार सूर्य देव गुरुवार 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने के बाद सूर्य 8 जून को दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इस तरह इस साल सूर्य ग्रह रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन तक रहेंगे. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और शीतलता के कारक हैं. ऐसे में जब सूर्य रोहिणी में गोचर करते है तो उस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेते हैं. इस वजह से पृथ्वी को शीतलता भी नहीं मिल पाती. ऐसे में तापमान बढ़ने लगता है और गर्मी काफी बढ़ जाती है. नौतपा का उल्लेख ज्योतिषीय सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में भी मिलता है.
नौतपा का वैज्ञानिक आधार
कुंडली विश्ल़ेषक व्यास जी बताते हैं कि, नौतपा सिर्फ ज्योतिष में ही नहीं बलिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्व रखता है. इसके अनुसार, नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती है, जिसके कारण तापमान सर्वाधिक होता है. तापमान बढ़ने से मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र की लहरों को अपने तरफ आकर्षित करता है. इस कारण पृथ्वी के कई हिस्सों पर ठंडी हवाएं, तूफान और बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है.
नौतपा का पौराणिक महत्व
ज्योतिष और वैज्ञानिक के साथ-साथ नौतपा का पौराणिक महत्व भी है. ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का वर्णन आता है. कहा जाता है कि जब ज्योतिष की रचना हुई, तब से ही नौतपा भी चला आ रहा है. सनातन संस्कृति में सदियों से सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. नौतपा को लेकर ऐसी मान्यता है कि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है. ज्योतिष का मानना है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो और इसके साथ ही अधिक गर्मी पड़े तो वह नौतपा कहलाता है. वहीं अगर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो उस दौरान बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है.
ये भी पढ़ें: Myths: आखिर क्यों गर्भवती स्त्री को नहीं काटते सांप, ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा में छिपा है रहस्य
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![तहसीन मुनव्वर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/3df5f6b9316f4a37494706ae39b559a4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)