नई दिल्ली: हमारे जीवन पर नव ग्रहों का प्रभाव रहता है. जब इन नव ग्रहों में से कोई भी ग्रह अशुभ फल प्रदान करने लगता है तो कभी कभी इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं. इसलिए ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों की चाल को ठीक बनाए रखने के लिए इन ग्रहों की पूजा और विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है.


इन नव ग्रहों में से जब कोई ग्रह खराब फल देने लगता है तो इससे व्यक्ति में धनहानि, दुर्घटना, गृहक्लेश, ब्रेकअप, गंभीर रोग और नौकरी पर संकट जैसी परेशानियां घेर लेती हैं. कई बार व्यक्ति इन परेशानियों की असली वजह को नहीं समझ पाता है ऐसे में उसकी दिक्कत बढ़ती ही जाती है और एक समय ऐसा आता है जब वह अपने आप को हारा हुआ महसूस करने लगता है.


जीवन में ऐसी स्थिति न बने इसलिए ग्रहों की चाल को समझना बेहद जरूरी है. बिना ज्योतिषी के पास जाए और जन्मकुंडली को दिखाए बिना भी खराब ग्रहों की चाल को समझा जा सकता है बस इसके लिए थोड़ा ध्यान की जरूरत है.


इस तरह से पहचाने ग्रहों की चल को


सूर्य: व्यक्ति के जीवन में जब प्रमोशन में अड़चन आने लगे, नौकरी पर संकट की स्थिति पैदा हो जाए तो समझ लें कि सूर्य ग्रह आपको हानि पहुंचा रहे हैं. सूर्य की चाल को ठी करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को अघ्र्य दें. यानि जल चढ़ाएं. सूर्य के मंत्र का जाप करें- ऊँ  सूं सूर्याय नम:


चंद्रमा: सुबह लगातार छींके आएं. जल्दी जल्दी जुकाम की समस्या होती है. पूर्णिमा के दिन सर्दी जुकाम से पीड़ित हो जाते हैं तो समझ लें कि चंद्रमा शुभ फल नहीं दे रहे हैं. मानसिक तनाव बना रहता है. सिर में दर्द भी रहता है तो समझ लें कि चंद्रमा के खराब होने से ऐसा हो रहा है. ऐसे लोगों के बिना विवाद के ही शत्रु बनने लगते हैं और धनहानि होने लगती है. चंद्रमा के अशुभ फल दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करें- ऊँ  सों सोमाय नम:


मंगल: व्यक्ति का जब मंगल खराब होता है तो विवाह होने में अड़चन आने लगती है. क्रोध करने लगता है. बात बात पर विवाद की स्थिति पैदा होने लगती है. व्यक्ति के हाथों से चीजे खराब होने लगती है. टूटफूट होती है. चोट लगती है. संतान संबंधी परेशानी होने लगती है. इस तरह की स्थिति बनने लगे तो समझ जाना चाहिए कि आपका मंगल खराब है. मंगल के दोष के निवारण के हनुमान जी की पूजा और इस मंत्र का जाप करना चाहिए-  ॐ भौं भौमाय नम:


बुध: व्यापार में नुकसान होने लगें, बात करते समय हकलाना, वाणी दोष जैसी परेशानी होने लगे तो समझ लें कि बुध ग्रह का फल प्राप्त नहीं हो रहा है. वहीं बुध के खराब होने से बरसों पुरानी दोस्तों में भी दरार आ जाती है.बहन, बुआ और मौसी को किसी तरह की मुसीबत घेर ले तो समझ जाएं कि बुध की अशुभता को दूर करना जरूरी है. गणेश जी की पूजा शुरू कर देनी चाहिए वहीं इस ग्रह के दोष को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप करना चाहिए-  ॐ बुं बुधाय नम:


गुरु: जब यह कुंडली में खराब फल देने लगते हैं तो व्यक्ति के विवाह में देर करते हैं,भाग्य साथ नहीं देता है. समाज में भी सम्मान मिलना कम हो जाता है. गुरु खराब होने पर व्यक्ति को मानसिक तनाव भी देते हैं. परिवार का सहयोग नहीं मिलने देते हैं,शिक्षक नाराज रहते हैं. आर्थिक समस्या भी पैदा करते हैं. गुरु को ठीक करने का सरल उपाय है कि माता पिता का आर्शीवाद लें. गुरुजनों का आदर करें और इस मंत्र का जाप करें- ॐ बृं बृहस्पतये नम:


शुक्र: शुक्र जब नाराज होते हैं तो व्यक्ति को प्रेम धोखा देते हैं, ब्रेकअप भी करा देते हैं. आपकी लग्जरी जीवन शैली को शुक्र खत्म करने लगते हैं. कर्ज दिला देते हैं, आमदनी से अधिक खर्चा कराने लगते हैं. कई तरह की गुप्त बीमारियां भी दे देते हैं. गृह क्लेश की स्थिति भी शुक्र नाराज होने पर पैदा कर देते हैं. शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए महिलाओं का सम्मान करें. शुक्रवार के दिन 5 कन्याओं को उनके पसंद का भोजन कराए. इसके साथ इस मंत्र का जाप करें-  ऊँ  शुं शुक्राय नम:


शनि: शनि जिस व्यक्ति से नाराज होते हैं उसे मृत्युतुल्य कष्ट भी प्रदान करते हैं. जीवन में ऐसे दिन भी दिखा देते हैं जिसकी व्यक्ति ने कल्पना तक नहीं की होती है. शनि एक न्याय प्रिय ग्रह हैं. जीवन में जो कुछ भी व्यक्ति अच्छा या बुरा करता है शनि उसी के हिसाब से अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं. शनि व्यक्ति को इसी जीवन में उसके किए का फल प्रदान करते हैं. ये मानसिक तनाव, कोर्ट कचहरी, अपयश, जीवन में भटकाव की स्थिति पैदा कर देते हैं. शनि की अशुभता को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. दान करना चाहिए और प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करने से भी शनि दोष समाप्त होने लगता है- ॐ शं शनैश्चराय नम:


राहु: ये छाया ग्रह हैं. लेकिन इनका व्यक्ति के जीवन में जबरदस्त प्रभाव होता है. अगर राहु खराब हों तो व्यक्ति को मानसिक तनाव देते हैं. पगालपन की स्थिति भी पैदा कर सकते हैं. उचित निर्णय लेने में दिक्कत पैदा करते हैं जिससे व्यक्ति परेशान रहने लगता है. शिक्षा में भी अवरोध पैदा करते हैं. किसी रोग से भी पीड़ित कर देते हैं. नशे की आदत डाल देते हैं. व्यक्ति की संगत भी खराब कर देते हैं. इस तरह की लक्षण महसूस होने लगे तो समझ लें कि राहु खराब फल दे रहे हैँ. इसका तुरंत उपाय करना चाहिए. जिन लोगों का राहु खराब हो उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए. मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए. दाड़ी नहीं रखनी चाहिए. जिन लोगों को राहु के खराब मिलते हैं उन्हें इस मंत्र का जप करना चाहिए- ॐ रां राहवे नम:


केतु: राहु की तरह ये भी छाया ग्रह है लेकिन व्यक्ति के जीवन में इसका भी पूरा प्रभाव पड़ता है. केतु जब खराब होता है तो व्यक्ति को झूठ बोलना सीखा देता है. उसे एकांत में रहना अच्छा लगने लगता है. बने बनाए काम बिगाड़ने लगता है. व्यक्ति को कर्जदार बना देता है. पत्नी से भी संबंध खराब करा देता है. ऐसे लोगों को अपयश भी मिलता है, जेल जाने की भी स्थिति बना देता है. व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट होने लगती है. बुरी संगत में फंस जाता है. आत्महत्या करने जैसे विचार आने लगते हैं. इसके लिए केतु की शांति कराना बेहद जरूर है. ऐसे लोगों को भगवन शिव की पूजा करनी चाहिए. उज्जैन या नासिक में इसकी शांति करानी चाहिए. इस मंत्र का जाप करना चाहिए-ॐ कें केतवे नम: