Shani Ki Sade Sati: पंचांग के अनुसार 24 अक्टूब को शनिवार के दिन आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि है. नवरात्रि के इस दिन को दुर्गा महा अष्टमी पूजा के नाम से भी जाना जाता है. विशेष बात ये है कि शनिवार को ही नवमी की तिथि भी पड़ रहा है. जो सुबह 7 बजे आरंभ हो जाएगी. नवमी की तिथि में दुर्गा महा नवमी की पूजा की जाती है.


अष्टमी की तिथि जहां मां महागौरी को समर्पित है वहीं नवमी की तिथि पर मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां दुर्गा सभी ग्रहों को नियंत्रित करने की क्षमता रखती हैं. मां दुर्गा को शक्ति की देवी माना गया है. मां दुर्गा का नवार्ण मंत्र सभी ग्रहों को नियंत्रित करने की शक्ति रखता है.


24 अक्टूबर को शनिवार का दिन है. शनिवार को शनि देव की पूजा की जाती है. नवरात्रि में शनिवार के दिन मां दुर्गा की पूजा कर शनि देव को शांत किया जा सकता है. इस समय मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती बनी हुई है.


शनि का उपाय
शनिवार को अष्टमी की तिथि समाप्त होने से पूर्व मां महागौरी की पूजा करें. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मां महागौरी ने कठोर तपस्या की थी. मां महागौरी शनि और राहु की अशुभता को दूर करती हैं. नवमी की तिथि में मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा करें. मां सिद्धिदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हैं. ये केतु की अशुभता को दूर करती हैं. शनिवार को शनि का दान अवश्य करें.


कन्या पूजन
अष्टमी और नवमी की तिथि में कन्या पूजन की भी परंपरा है. कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करती हैं. इस दिन कन्या पूजन के साथ कन्याओं को उपहार दिए जाते हैं.


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