Navratri 2020: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. पंचांग के अनुसार 19 अक्टूबर 2020 को आश्विन मास की तृतीया तिथि है. इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाता है. मां चंद्रघंटा की पूजा और उपासना से साहस और निडरता प्रदान करती हैं.वहीं हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने सौम्यता और विनम्रता आती है. मां चंद्रघंटा ने ही महिषासुर का वध किया था. महिषासुर देव राज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना चाहता था.
मां दुर्गा सभी दुखों को दूर करती हैं
मां दुर्गा अपने भक्तों के कष्टों को दूर करती है. नवरात्रि के पर्व पर मां दुर्गा के सभी 9 स्वरूपों की विधि पूर्वक पूजा करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. मां दुर्गा सभी 9 ग्रहों को नियंत्रित करने की शक्ति रखती है. मां दुर्गा का एक मंत्र ऐसा भी है जो सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करता है.
ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे
मां दुर्गा का ये मंत्र बहुत ही चमत्कारी माना गया है. इस मंत्र को नवार्ण मंत्र कहा जाता है. नर्वाण से तात्पर्य 9 अक्षर. क्योंकि इस मंत्र में 9 अक्षर आते हैं. इस मंत्र का प्रत्येक अक्षर एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. यह मंत्र सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करता है.
नर्वाण मंत्र
नवार्ण मंत्र का पहला अक्षर ऐं है. इससे सूर्य को शुभ बनाया जाता है. ऐं का संबंध मां शैलपुत्री से है. नवार्ण मंत्र का दूसरा शब्द ह्रीं है जो मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. तीसरा अक्षर क्लीं है, चौथा अक्षर चा, पांचवां अक्षर मुं, छठा अक्षर डा, सातवां अक्षर यै, आठवां अक्षर वि तथा नौवा अक्षर चै है. ये अक्षर मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु ग्रहों की अशुभता को दूर करता है.
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