Navratri 2020: जॉब, बिजनेस और शिक्षा में आने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकता है. जन्म कुंडली में बैठे ग्रह जब अशुभ होते हैं तो परेशानी पैदा करते हैं. मां दुर्गा सभी ग्रहों को नियंत्रित करने की क्षमता रखती हैं.
पंचांग के अनुसार 18 अक्टूबर 2020 को नवरात्रि का दूसरा दिन है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मां ब्रह्मचारिणी को पूजा तप, शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य का कारक बताया गया है. वहीं मां ब्रह्मचारिणी शत्रुओं का नाश करती है. मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करती हैं
मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करने की क्षमता रखती हैं. मंगल ग्रह जब जन्म कुंडली में अशुभ होता है तो व्यक्ति क्रोधी बना देता है. क्रोध के कारण व्यक्ति स्वयं को नुकसान पहुंचाता है. क्रोध के कारण व्यक्ति हिंसक भी हो जाता है और उसकी वाणी दूषित हो जाती है जिस कारण ऐसे व्यक्ति को मित्र, रिश्तेदार भी त्याग देते हैं. मंगल अशुभ हो तो व्यक्ति को कोर्ट कचहरी के भी चक्कर लगाने पड़ते हैं.
जॉब की समस्या दूर करें
मंगल जब अशुभ होता है तो कभी कभी जॉब में भी बाधा उत्पन्न करता है. अशुभ मंगल जॉब में बदलाव कराता है. विवाद की स्थिति पैदा करता है जिस कारण जॉब जाने का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं मंगल व्यापार में भी हानि की स्थिति पैदा करता है.
शिक्षा में आती है बाधा
मंगल यदि अशुभ हो तो व्यक्ति की शिक्षा में भी बाधा आती है. मंगल कुछ ऐसा करा देता है जिस कारण शिक्षा में रूकावट आ जाती है जिस कारण करियर प्रभावित होता है.
समस्याओं को दूर करने का जानें उपाय
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से मंगल की अशुभता दूर होती है. नवरात्रि के दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी को स्वच्छता अधिक पसंद है. इसलिए पूजा करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.
नवार्ण मंत्र का जाप करें
मां दुर्गा का नवार्ण मंत्र सभी ग्रहों के दोष को दूर करने में सक्षम माना गया है. इस मंत्र को नौ अक्षरों वाला मंत्र भी कहा जाता है. इस मंत्र का नित्य जाप करना चाहिए- ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे
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