Shani Ki Sade Sati: मिथुन, तुला, धनु, मकर, और कुंभ राशि पर शनि भारी है. इन पांच राशियों पर शनि की अशुभ छाया है. शनि जब अशुभ होते हैं कई तरह की परेशानियां देते हैं.  किसी भी राशि पर जब शनि की साढ़े साती या शनि की ढैय्या आती है तो उस राशि के जातक पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ता है. व्यक्ति समझ नहीं पाता है कि वह क्या करें, कभी कभी शनि व्यक्ति को इतना परेशान करता है कि वह सबकुछ गवां बैठता है. इसलिए शनि देव को प्रसन्न रखना बहुत ही आवश्यक है.


अशुभ शनि के लक्षण
शनि जब अशुभ होते हैं तो जॉब, व्यापार, शिक्षा और सेहत संबंधी परेशानियां प्रदान करते हैं. शनि के कारण व्यक्ति की जॉब भी जा सकती है. या फिर जॉब में उतार चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी. वहीं ऐसी ही स्थिति व्यापार के क्षेत्र में भी देखनो को मिलती है. व्यक्ति का जमा जमाया व्यापार नष्ट हो जाता है. कर्ज चढ़ जाता है. हर काम असफलता मिलने लगती है. वहीं शनि खराब होने पर दुर्घटना, राग भी प्रदान करते हैं. शिक्षा में भी रूकावट डालते हैं.


नवरात्रि में शनि का उपाय
नवरात्रि का पर्व आरंभ हो चुका है. पंचांग के अनुसार 18 अक्ूबर 2020 को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को नवरात्रि का दूसरा दिन है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. वहीं नवरात्रि में मां चंद्रघंटा, मां कुष्माण्डा, स्कंदमाता, मां कात्यायिनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से शनि शांत होते हैं और अपनी अशुभता को कम करते हैं. जिस कारण शनि संबंधी परेशानी दूर होती हैं.


मंगलवार और शनिवार का उपाय
शनि देव को शांत करने के लिए मंगलवार और शनिवार की पूजा को भी विशेष फलदायी बताया गया. मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि शांत होते हैं. जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या चल ही है उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस दिन शनि मंदिर जाकर पूजा और दान करना चाहिए.


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