Navratri 2021: 9 अक्टूबर शनिवार को एक दिन में मां चंद्रघण्टा और कूष्माण्डा देवी की पूजा का बन रहा है संयोग, इन बातों का रखें ध्यान
Shardiya Navratri 2021: शरद नवरात्रि का पर्व विशेष है. इस बार एक ही दिन में दो देवियों की पूजा का संयोग बन रहा है. इसलिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
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Navratri 2021: धार्मिक दृष्टि से नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व माना गया है. एक वर्ष में दो नवरात्रि के पर्व आते हैं. जिसमें दो नवरात्रि (Navratri 2021) को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. शेष दो को चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि के नामों से जाना जाता है. इन सभी नवरात्रि में शरद नवरात्रि को अत्यंत विशेष माना गया है. पंचांग के अनुसार 7 अक्टूबर 2021, गुरुवार से शरद नवरात्रि का पर्व आरंभ हो चुका है. शास्त्रों के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शरद नवरात्र (Shardiya Navratri 2021) का आरंभ माना जाता है. इस वर्ष नवरात्रि में विशेष संयोग बनने जा रहा है.
नौ दिन की नहीं आठ दिन की है नवरात्रि
वर्ष 2021 में शरद नवरात्रि 9 दिनों की नहीं है. इस बार पंचांग के अनुसार ऐसा विशेष संयोग बना है कि नवरात्रि का पर्व आठ दिनों का ही होगा. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस वर्ष एक तिथि का क्षय हो रहा है. जिसका अर्थ होता है कि हिंदू कैलेंडर की दो तिथियां एक ही दिन पड़ रही हैं. इस वर्ष शरद नवरात्रि की तृतीया की तिथि और चतुर्थी की तिथि 9 अक्टूबर 2021, शनिवार को ही पड़ रही हैं. जिस कारण इस वर्ष नवरात्रि का पर्व 9 का नहीं 8 दिन का ही है.
मां चंद्रघण्टा और कूष्माण्डा देवी की पूजा एक ही दिन होगी (Chandraghanta And Kushmanda Devi Puja)
पंचांग के अनुसार 8 अक्टूबर, शुक्रवार को तृतीया तिथि का आरंभ प्रात: 10 बजकर 50 मिनट पर हो रहा है. 9 अक्टूबर, शनिवार को प्रात: 7 बजकर 51 मिनट पर तृतीया तिथि का समापन होगा. इसके बाद चतुर्थी की तिथि प्रारंभ होगी. इस दिन मां चंद्रघण्टा औश्र कूष्माण्डा देवी की पूजा की जाएगी.
इन बातों का ध्यान रखें
तृतीया और चतुर्थी की तिथि में मां की पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इन दोनों देवियों की पूजा में विशेष नियमों का पालन किया जाता है. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. इस दिन क्रोध, वाणी दोष और अहंकार से दूर रहना चाहिए. विधि पूर्वक पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
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