(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Navratri 2022 : नवरात्रि में कल इस देवी की पूजा करने से शनि होते हैं शांत, शनिवार में बन रहा है विशेष संयोग
Chaitra Navratri Ashtami 2022 : शनि यदि परेशान कर रहे हैं. शिक्षा, जॉब, करियर, बिजनेस और दांपत्य जीवन आदि से जुड़ी चीजों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, कल का दिन विशेष है.
Chaitra Navratri 2022, Shani Dev : नवरात्रि का पर्व चल रहा है. कल का दिन कई मायनों में विशेष है. इस दिन नवरात्रि का आठवां दिन है. यानि 9 अप्रैल को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. नवरात्रि के 8वें दिन को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है.
शनिवार के दिन से ही शुरू हुए थे 'नवरात्र'
इस बार नवरात्रि का पर्व शनिवार के दिन से ही आरंभ हुआ था. पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी. खास बात ये है कि इसी दिन से हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हुआ है. शनिवार के दिन से विक्रम संवत 2079 शुरू हुआ था. जिस कारण इस वर्ष के राजा शनि देव हैं. यानि हिंदू वर्ष शनि प्रधान माना जा रहा है.
9 अप्रैल को शनि को शांत करने का योग
पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल, शनिवार को चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि है. इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाता है. मान्यता है कि महागौरी की पूजा करने से शनि शांत होते हैं.
शनि को शांत करने के ये हैं उपाय
नवरात्रि का आठवां दिन शनि को शांत करने के लिए सबसे अच्छा माना गया है.
शनि इस मंत्र से होते हैं शांत
मां दुर्गा के इस मंत्र को बहुत ही प्रभावशाली बताया गया है. इस मंत्र को 'नवार्ण' मंत्र कहा जाता है. नर्वाण से तात्पर्य 9 अक्षर. नर्वाण मंत्र में 9 अक्षर आते हैं. इस मंत्र का प्रत्येक अक्षर एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. इस मंत्र का जाप नवरात्रि में करना बहुत ही शुभ माना गया है. यह मंत्र शनि ग्रह की अशुभता को दूर करने के साथ अन्य सभी ग्रहों की अशुभता को भी दूर करता है. ये है नवार्ण मंत्र-
'ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे'
अंक ज्योतिष
8 अंक को शनि का अंक माना गया है. 9 अप्रैल को अष्टमी तिथि है साथ ही शनिवार का दिन भी पड़ रहा है. यही कारण है कि नवरात्रि के आठवें दिन शनि देव की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है.
शनि का दान करें
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. इस दिन शनि से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए. सरसों का तेल, काला छाता, काला कंबल, काला जूता,काली उड़द, लोहा आदि का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
शनि नाराज होते हैं
शनि को नियम मानने वाला देवता बताया गया है. जो लोगों को नियमों का पालन नहीं करते हैं. कमजोर लोगों को सताते हैं. परिश्रम करने वालों का सम्मान नहीं करते हैं. शनि उन्हें अपनी दशा, अंर्तदशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान बुरे फल प्रदान करते हैं.
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