Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा को भूलकर भी न करें कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य
Navratri 2022 Pratipada: नवरात्रि का समय बेहद शुभ माना जाता है. इस दौरान सभी शुभ कार्य किये जाने की मान्यता है लेकिन नवरात्रि के इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. आइये जानें वजह.
Navratri Pratipada 2022: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. धर्म ग्रंथों के मुताबिक, नवरात्रि का समय बेहद शुभ होता है. साल भर में वैसे तो 4 नवरात्रि होती है लेकिन जनमानस की धार्मिक श्रद्धा और विश्वास की दृष्टि से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है.
शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होती है और दशमी तिथि को समाप्त होती है. इस बार शारदीय नवरात्रि कल यानी 26 सितंबर से शुरू होने वाली है. शारदीय नवरात्रि का समापन दशमी तिथि 5 अक्टूबर को होगा. नवरात्रि के पहले दिन प्रातः काल से उपवास शुरू किया जाता है और शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है. उसके बाद मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इससे मां अति प्रसन्न होकर भक्तों की हर कामना पूरी होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
नवरात्रि की प्रतिपदा को नहीं किया जाता कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दिनों में विवाह को छोड़कर सभी शुभ और मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं क्योंकि नवरात्रि में मां दुर्गा धरती पर वास करती है. इस लिए नवरात्रि का समय बेहद शुभ और अति महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान भूमि पूजन, गृह प्रवेश, मुंडन, कन्या या वर देखना, विवाह की तिथियाँ पक्की करना जैसे सभी शुभ और मांगलिक कार्य किये जाते हैं,
धर्माचार्यों का मानना है कि प्रतिपदा तिथि में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए. यहां तक कि किसी शुभ कार्य के लिए घर से प्रस्थान भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि इस तिथि को किया गया कार्य अशुभ फल देता है. इसलिए नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को (जिसे परुवा भी कहते है) कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. यदि आप नवरात्रि में कोई शुभ या मांगलिक कार्य करने जा रहें हैं तो प्रतिपदा तिथि और भद्रा काल पर विचार जरूर कर लें.
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