(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Navratri 2022: नवरात्रि में कन्या पूजन के साथ क्यों की जाती है 'बटुक' पूजा, जानें पूजा विधि और महत्व
Navratri 2022, Batuk Bhairav Puja: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. कन्या पूजन के साथ ही बटुक महाराज की भी पूजा का विधान है.
Navratri 2022, Batuk Bhairav Puja : नवरात्रि का पर्व चल रहा है. हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को विशेष माना गया है. नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की विधि पूर्वक पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां दुर्गा शक्ति की प्रतीक हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों का दूर करती हैं.
नवरात्रि कब समाप्त हो रहे हैं
पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल से नवरात्रि का पर्व आरंभ हुआ था. 10 अप्रैल 2022 को नवरात्रि के पर्व का समापन होगा. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन कन्या पूजन किया जाता है. कन्या पूजन के दौरान ही बटुक महाराज की भी पूजा की जाती है. बटुक कौन हैं आइए जानते हैं.
नवरात्रि में बटुक पूजा
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन है. इस दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है और माता रानी का स्वरूप माने जाने वाली कन्याओं के पूजन यानी कंजक खिलाते समय उनके साथ एक बालक का भी पूजन किया जाता है. बालक को बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है. देवी मां की पूजा के बाद भैरव की पूजा बेहद अहम मानी जाती है.
Saturn Transit 2022 : शनि 30 साल बाद आ रहे हैं अपने ही घर में, इन राशि वालों को रहना हो अलर्ट
भगवान कालभैरव के बाल रूप हैं 'बटुक'
भगवान श्री बटुक-भैरव बालक रूपी हैं. भगवान भैरव के इस स्वरूप की पूजा अर्चना सभी प्रकार से लाभकारी और मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है. इनकी पूजा में दैनिक नैवेद्य दिनों के अनुसार किया जाता है. इनकी पूजा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके की जाती है. साधक को लाल या काले वस्त्र को धारण करके करना चाहिए. इनकी पूजा के दौरान लगाए गए भोग को साधना के बाद थोड़ा सा प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. शेष प्रसाद को कुत्तों को खिला दें. पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का कम से कम 21 माला का जाप करें.
बटुक भैरव आराधना के लिए मंत्र
।।ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ।।
'बटुक' पूजा का महत्व : कन्या पूजन के समय एक बालक के पूजन का विधान है. इसे लंगूर भी बोला जाता है. ये बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि बटुक भैरव देवता ऐसे हैं जो अपने भक्तों के ऊपर बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और उन्हें बहुत बड़ी से बड़ी विपदाओं से बचा लेते हैं. चाहे शत्रुओं का संकट हो किस भी ग्रह का दोष हो उसे बटुक भैरव दूर करते हैं. भगवान बटुक भैरव की पूजा करने से बुद्धि और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
April 2022 Calendar : आज से आने वाले सात दिन हैं विशेष ये महत्वपूर्ण ग्रह बदल रहे हैं राशि