Neem Karoli And Hanuman Ji: नीम करोली बाबा बीसवीं सदी के महान संतों में से एक थे. नीम करोली बाबा हनुमान भगवान की बहुत ही बड़े भक्त थे. उनके भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं. बाबा नीम करोली को कई तरह की सिद्धियां प्राप्त थीं. करोली बाबा का आश्रम स्थल नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर पंतनगर में स्थित है.
नीम करोली बाबा और भगवान हनुमान के बीच संबंध
नीम करोली बाबा और भगवान हनुमान के बीच एक गहरा आध्यात्मिक संबंध माना जाता है. इसका पता कई कथाओं और नीम करौली बाबा के शिष्यों के अनुभवों से चलता है. नीम करौली बाबा के भक्तों के अनुसार, करोली बाबा हनुमान जी के निकट से आए थे और उन्हें हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त थी. हनुमान जी की कृपा से बाबा नीम करोली ने कई आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किए.
नीम करौली बाबा के सम्बन्ध में कहीं-कहीं बताया जाता है कि उन्होंने अपने आध्यात्मिक साधना के दौरान हनुमान जी की सामर्थ्य को साक्षात अनुभव किया था. हनुमान जी की कृपा से ही उन्होंने अपने जीवन में अनशन, त्याग, और उदारता की भावना को अपनाया. उन्होंने अपने शिष्यों को हनुमान जी से प्रेम करने, उनकी सेवा और उन पर विश्वास करने के लिए प्रेरित किया.
108 हनुमान मंदिरों का कराया निर्माण
नीम करोली बाबा ने 17 साल की उम्र में ही भगवान हनुमान के बारे में काफी ज्ञान प्राप्त कर लिया था. वो हनुमान जी को अपना गुरु मानते थे. नीम करोली बाबा ने अपने जीवन में कम से कम 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण कराया. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने हनुमान जी की पूजा से कई चमत्कार सिद्ध किए है. इसलिए ही वह बहुत कम उम्र में लोगों के बीच प्रसिद्ध हो गए.
सारी बाधाएं दूर करते हैं हनुमान जी
नीम करोली बाबा भगवान हनुमान के परम भक्त थे. उन्हें हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है. बाबा का कहना था कि जो व्यक्ति हर दिन हनुमान जी की पूजा करता है उसे सभी कष्टों से अपने आप ही मुक्ति मिल जाती है. बाबा का कहना था कि हर दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आ रही सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं. उनका कहना था कि हर व्यक्ति को प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
ये भी पढ़ें
सावन का महीना आज से शुरू, जानें इस मास क्या करें और क्या नहीं
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.