Kainchi Dham: 15 जून को नीम करोली बाबा के कैंची धाम का स्थापना दिवस, जानें कब और कैसे हुई इसकी स्थापना
Kainchi Dham: कैंची धाम से बाबा नीम करोली को बहुत लगाव था. वह अक्सर गर्मियों में यहां आकर रहते थे. 1964 में बाबा ने कैंची धाम आश्रम की स्थापना की थी. हर साल यहां 15 जून को भव्य मेला लगता है.
Neem Karoli Baba Kainchi Dham Foundation Day: भारत में कई पावन और धार्मिक तीर्थस्थल है, जहां भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. ठीक ऐसा ही एक पावन धाम है देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटक की दूरी पर स्थिति ‘कैंची धाम’.
कैंची धाम आश्रम के बाबा नीम करोली महाराज की ख्याति विश्वभर में प्रसिद्ध है. नीम करोली बाबा को भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं. कैंची धाम से कई चमत्कार और रहस्य भी जुड़े हुए हैं. मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है और कोई खाली हाथ नहीं लौटता है. कैंची धाम में देश-विदेश से श्रद्धालु और जानी-मानी हस्तियां पहुंचती हैं.
आज 15 जून को लगेगा बाबा के दरबार में भव्य मेला
गुरुवार 15 जून 2023 को कैंची धाम का 59 वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा. वैस तो पूरे साल यहां भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन इस खास मौके पर यहां 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा. बाबा नीम करोली पहली बार 1961 में यहां आए थे और उन्होंने 1964 में कैंची धाम की स्थापना अपने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर की थी.
कैंची धाम से जुड़े हैं कई चमत्कार
- कैंची धाम चमत्कारों और रहस्यों से भरा है. देशभर में बाबा के कई आश्रम हैं. लेकिन उत्तराखंड स्थित कैंची धाम नीम कोरली बाबा का सबसे बड़ा आश्रम है. यहां नीम करोली बाबा का समाधि स्थल भी है. भारत के साथ ही कैंची धाम में विदेशी भक्तों की भीड़ रहती है.
- कहा जाता है कि इस धाम में बाबा के कई चमत्कार हुए. कैंची धाम से जुड़े कई चमत्कारों में एक यह है कि, एक बार कैंची धाम में भंडारा चल रहा था. लेकिन तभी घी कम पड़ गई. भक्तों ने यह बात बाबा को बताई. बाबा ने भक्तों को नदी से जल भरकर लाने को कहा. बाबा के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया और उसे प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया. लेकिन पात्र में डालते ही जल घी में बदल गया.
- कहा जाता है कि एक बार भक्त गर्मी से बहुत तप रहा था. तब नीम करोरी बाबा ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए बादल की छतरी बनाकर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया.
- पावन कैंची धाम और बाबा नीम करोली से ऐसे कई किस्से जुड़े हैं, जिसे जानकर या सुनकर लोग यहां खुद बाबा की शरण में खिंचे चले आते हैं.
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