NEET Paper Leak Case: पिछले दिनों नीट (NEET) के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला आग की तरह फैलता जा रहा है. नए-नए आरोपी पकड़े जा रहे हैं तथा इसी के साथ-साथ यूजीसी नेट (UGC-NET) का पेपर भी रद्द कर दिया गया जिस कारण भी आक्रोश बढ़ रहा है.


आइए ज्योतिष (Astrology) की दृष्टि से देखते हैं कि किन ग्रह स्थितियों के कारण शिक्षा क्षेत्र में यह पेपर लीक होने मामला बढ़ता जा रहा है और क्या भविष्य में भी इस प्रकार की घटनाएं घटित होंगी?


किन ग्रहों के कारण बढ़ता है पेपल लीक का मामला


जब कभी भी राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की घटना होती है तो उसमें देश की कुंडली (Kundli) तथा उस कुंडली पर चल रहे ग्रहों के गोचर (Grah Gochar) की गणना से मुद्दे को समझा जा सकता है. शिक्षा से संबंधित प्रश्नों के लिए कुंडली के पंचम भाव का अध्ययन किया जाता है तथा गोचर में शिक्षा के कारक ग्रह की स्थिति भी देखी जाती है. देवगुरु बृहस्पति (Guru) को शिक्षा का कारक ग्रह कहा गया है, तो आईए जानते हैं भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार ग्रह स्थितियों क्या कहती हैं-


भारतवर्ष की कुण्डली का निर्माण 15 अगस्त 1947, समय 00:00  बजे, स्थान दिल्ली लेकर किया जाता है. भारतवर्ष की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है. लग्न में राहु, द्वितीय भाव में मंगल, तृतीय भाव में शुक्र चंद्र सूर्य बुध तथा शनि है, अष्टम भाव में बृहस्पति और सप्तम भाव में केतु है. कुंडली में शनि तथा शुक्र अस्त अवस्था में है.


अस्त होकर बुध बढ़ा रहे शिक्षा क्षेत्र में परेशानी (Budh Ast is Increasing Problems of Education Field)


इस कुंडली के पंचम भाव का स्वामी बुध बनता है जोकि तृतीय भाव में है और वर्तमान समय में चंद्रमा महादशा (Chandra Mahadasha) में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है. शुक्र लग्न और षष्टम का का स्वामी है और अस्त है. दशा अन्तर्दशा का फल देखें तो यहां मिले-जुले प्रभाव वाला फल रहेगा. इसमें शत्रु तथा विघटनकारी तत्व कुछ समय तक हावी रहेंगे.


वर्तमान समय में बुध देव अस्त (Budh Ast 2024) चल रहे हैं, जोकि पंचम भाव अर्थात शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम देने वाले नहीं है. दिनांक 27 जून 2024 के बाद बुधदेव उदय होंगे तथा इन परीक्षाओं को लेकर युवाओं में जो आक्रोश और विरोध चल रहा है उसमें कुछ कमी आ सकती है.


इसके अलावा इस मामले में शामिल जितने भी बचे और छुपे हुए लोग होंगे वे भी पकड़ में आ जाएंगे. इसके अलावा भारतवर्ष की कुंडली के पंचम भाव में विघ्नकारक केतु का गोचर (Ketu Gochar 2024) 18 मई 2025 तक चल रहा है. इस समय तक भारत में शिक्षा से संबंधित कोई ना कोई मुद्दा विवाद खड़ा होता रहेगा.


देवगुरु बृहस्पति की स्थिति भी बढ़ा रहीं दिक्कतें (Jupiter is also increasing the Problems)


वर्तमान समय में शिक्षा के कारक ग्रह देवगुरु का गोचर वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) में है और भारतवर्ष की कुंडली में वृषभ राशि में राहु (Rahu) देव बैठे हैं. राहु देव के ऊपर से देवगुरु बृहस्पति का गुजरना बृहस्पति के लिए भ्रम, उलझन और धोखे जैसी स्थिति बन रहा है अर्थात धोखेबाजों के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में घोटाले किए जाने का योग गोचर में बन रहा है.


इसी प्रकार कन्या राशि में बैठे हुए केतु की पांचवी दृष्टि भी देवगुरु बृहस्पति को प्रभावित कर रही है. केतु को ज्योतिष में विघ्न बाधा का कारक कहा गया है. केतु के इस प्रभाव से परीक्षाओं में रूकावट आना लाजमी है. इन सब ग्रहों की गणना से प्रतीत होता है कि इस वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में दिक्कतें अधिक रहेंगी.


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