हिंदू दर्शन जीवन को लेकर बहुत ही व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाता है. नीति कथाओं में हमें जीवन का ज्ञान, नीति और धर्म की शिक्षाएं मिलती हैं. आज हम आपको बताने जा रह हैं वह पांच राज़ जो आपको किसी को भी नहीं बताने चाहिए.




  • आपने जो भी दान दिया है उसे गुप्त रखेंगे तब ही उसका लाभ मिल सकता है. जिस दान का बखान किया जाता है वह निष्फल हो जाता है. मंदिर में दान दें, किसी गरीब को भोजन कराएं या किसी भी प्रकार का पुण्य कार्य करें उसका अपने मुंह से बखान न करें.

  • जब तक आप किसी योजना पर पर्याप्त काम न कर लें तब उनके बारे में किसी को भी नहीं बताना चाहिए. आपको नहीं पता होता कि समय के साथ उस शख्स के साथ हमारे रिश्तों में कैसे बदलाव आ सकता है.

  • घर की परिवार के छोटे-मोटे झगड़े परेशानियां और विवादों को किसी को न बताने में ही समझदारी है. किसी और की मदद लिए बगैर इन्हें स्वयं ही सुलझा लेने में भलाई है.

  • यदि किसी गुरु से दीक्षा ली है, तो उसके द्वारा दिया गया गुरुमंत्र गोपनीय रखें. यदि आप किसी भी प्रकार की साधना, या ध्यान कर रहे हैं तो उसे भी गोपनीय रखें अन्यथा वह निष्फल हो जाएगी.

  • अपनी अयोग्यता या अपनी कमोजरी को केवल उस व्यक्ति को बताएं जिस पर आपका पूरा विश्वास हो. अन्य लोगों को बताने से लोग कमजोर समझकर आपके साथ गलत व्यवहार करने लगेंगे या आपको मानसिक रूप से दबाने लगेंगे.


यहां यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि हमें अपने जीवन के राज़ किसी को नहीं बताने हैं, तो हमें दूसरे के जीवन में भी नहीं झांकना चाहिए.


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