Politics Predictions: भारत में समय के अनुसार अलग-अलग सरकारों ने राज्य किया है जिसमें कांग्रेस (Congress) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दो मुख्य दल हैं. 2004 से लेकर 2014 तक कांग्रेस की सरकार रही और 2014 से लेकर वर्तमान समय तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार चल रही है.


कांग्रेस पार्टी ने जहां लगातार दो बार (5-5 वर्ष) तक अपनी सरकार चलाई. वहीं अब भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सरकार बना चुकी है और सत्ता में है.


भारत की कुंडली के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे कि क्या हमेशा ही किसी एक दल की सत्ता रहेगी या सत्ता में बदलाव होगा?


भारतवर्ष की कुंडली 15 अगस्त 1947, 00:00 बजे स्थान दिल्ली की कुंडली है. जिसमें लग्न स्थान में राहु (Rahu), द्वितीय भाव में मंगल, तृतीय भाव में चंद्र शुक्र सूर्य बुध तथा शनि है, षष्टम भाव में बृहस्पति और सप्तम भाव में केतु (Ketu) है.


देश में सत्ता का विश्लेषण करना हो तो उसमें दशम भाव के स्वामी तथा दशम भाव की अवस्था देखी जाती है. भारतवर्ष की कुंडली में इन दोनों बिंदुओं का अध्ययन करके देखते हैं. भारत की कुंडली में दशम भाव का स्वामी शनि बनता है तथा शनि तृतीय भाव में सूर्य बुध चंद्र शुक्र के साथ है. दशम भाव पर एकादशी भाव के स्वामी बृहस्पति की पांचवी दृष्टि है.


दशम भाव का स्वामी शनि (Shani Dev) हैं जो पराक्रम भाव में है और शनि भाग्य भाव का स्वामी भी हैं. ज्योतिष सूत्रों के अनुसार जिस भाव में भाग्य का स्वामी होता है, उस भाव से संबंधित चीजों के द्वारा भाग्य उन्नति होती है.


इस कुंडली में भाग्य का स्वामी पराक्रम भाव में है जोकि दशम भाव का भी स्वामी है. इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में सत्ता इस दल की रहेगी जो देश के लिए कर्मठ और मेहनती अधिक होगा.


शनि का महत्व- शनि न्यायप्रिय ग्रह है और कठोर अनुशासन और मेहनत पर शुभ फल देता है. शनि हमेशा निष्पक्ष भाव से कार्य करता है. जिसने जैसा कर्म किया उसे उसी प्रकार का फल देने में शनि देव की निष्ठा रहती है. पिछले शासन को यदि हम देखें तो उसमें कांग्रेस की सत्ता अधिक रही है. उस समय कांग्रेस के कार्यकर्ता दृढ़ संकल्प और मेहनती थे. लेकिन जैसे-जैसे कांग्रेस की सरकार में मेहनती कार्यकर्ता कम हुए वैसे-वैसे कांग्रेस के हाथ से सत्ता निकालने लगी.


भारतीय जनता पार्टी में अधिक मेहनती कार्यकर्ता आये जिस कारण भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में सक्षम रही. वर्तमान समय में यदि हम देखें तो भारतीय जनता पार्टी में भी बहुत सी कमियां है, लेकिन कांग्रेस पार्टी में उससे भी अधिक कमियां है. इसलिए जिस पार्टी में कम कमिया हैं, उसे पार्टी को सत्ता मिल गई है. यह शनि के निष्पक्ष स्वभाव के कारण है.


बृहस्पति की दृष्टि - बृहस्पति (Jupiter) को ज्योतिष में धर्म, ज्ञान, उच्च शिक्षा से संबंधित ग्रह कहा गया है. भारत सदैव इन क्षेत्रों में अग्रणी रहेगा. भारत के प्रतिभा से पूरी दुनिया वाकिफ है, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में भारतीयों का दबदबा किसी से छिपा नहीं है. भारतीय वैदिक ज्योतिष, योग तथा आयुर्वेद आज भी दुनिया में सम्मान पाता है. यहांकि प्रतिभाओं का लोहा पूरा विश्व मानता है.


भारत की कुंडली में बृहस्पति ग्रह का स्वभाव निष्पक्ष रूप से सर्वधर्म समभाव पर चलने वाला है. भारत की कुंडली के दशम भाव पर बृहस्पति की दृष्टि से स्पष्ट होता है कि जो पार्टी सद्भावना से सभी धर्मों का पालन करेगी तथा सभी धर्मों की रक्षा के लिए अग्रसर रहेगी वहीं सत्ता में आएगी. इसमे कोई शक नहीं है कि भारत समय समय पर दुनिया को सार्थक दिशा प्रदान करेगा.


निष्कर्ष- शनि तथा बृहस्पति की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि जो भी दल देश के प्रति कठोर मेहनत करने से पीछे नहीं हटेगा तथा नि:स्वार्थ भाव से सभी धर्म का पालन करेगा तथा सभी धर्म की रक्षा के लिए कार्य करेगा, वही दल सत्ता में आ पाएगा.


भारत की कुंडली से किसी एक दल की सत्ता हमेशा रहना असंभव है. कोई भी एक दल सदा के लिए राज नहीं करेगा. दलों में उपरोक्त बिंदुओं की कमी आते ही बदलाव शुरू हो जाएंगे.


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