Numerology: सुखी वैवाहिक जीवन में अंकों का है अभूतपूर्व योगदान, जानिए कैसे
Numerology Predictions: सुखी वैवाहिक जीवन जीने के लिए वर कन्या के जन्म कुण्डली में अंकित अंकों का मिलान किया जाता है.

Numerological Predictions for married life: विवाह सामाजिक जीवन का एक प्रमुख अंग है. किसी भी लड़की या लड़के के लिए यह एक अनोखा पल होता है. इसके लिए परिवार के बूढ़े बुजुर्ग आपस में बैठकर कुंडली का मिलान पंडित जी के माध्यम से करवाते हैं. अंकों के जानकार जन्म कुंडली में अंकित अंकोंं की संख्या के आधार पर वर और कन्या के सुखी वैवाहिक जीवन की भविष्यवाणी करते हैं.
अगर अंकों का मेल उचित हो तो वर कन्या का विवाह संभव है. अगर अनुचित हो तो ऐसी दशा में शादियां नहीं की जाती है. इसलिए अंकों का योगदान सुखी वैवाहिक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
कैसे होता है अंकोंं का मिलान
विवाह से पूर्व होने वाले जन्म कुंडली मिलान को अष्टकूट मिलान या मेलापक मिलान भी करते हैं. इसमें एक होता है- गृह मेलापक, दूसरा होता है -नक्षत्र मेलापक. लड़का और लड़की दोनों के चरित्र, शिक्षा और व्यवहार का आकलन इन्हीं अंकोंं के आधार पर किया जाता है. वर और कन्या दोनों के अष्टकूट मिलान सूत्र में आपसी गुणधर्म को 8 भागों में बांटा गया है. इनकी कुल संख्या 36 है. 36 में से कम से कम 19 गुण धर्मों का मिलना आवश्यक है. तभी वह वैवाहिक जीवन सुखी और संपन्न हो सकता है.
लड़का और लड़की के प्रथम 3 अक्षरों को लेकर ही उनके अंकों की गणना की जाती है. अगर उनके अंकों का योग 9 से ज्यादा है, तो पुनः उन दोनों अंकोंं को जोड़कर मूल्यांक निकाला जाता है. उसके पश्चात लड़का और लड़की के दोनों के मूल्यांकों को आपस में जोड़ कर उनके गृह नक्षत्रों की दिशा और दशा का ध्यान में रखकर उनके वैवाहिक जीवन में होने वाली घटनाओं के भविष्यवाणी की जाती है.
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