अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 9 अंक होते हैं. इनमें तीन मित्र श्रृंखलाएं होती हैं. इनके आधार पर हम जान सकते हैं कि सच्चा सहयोगी और हितैषी व्यक्ति का कौन हो सकता है.


पहली श्रृंखला 1/4/7 अंक की है. जिन लोगों का जन्म 1/4/7 अंक के मूलांक और भाग्यांक में हुआ है उनके लिए यह श्रृंखला सबसे महत्वपूर्ण है. ऐसे व्यक्ति इस श्रृंखला को फोलो करने वालों से अधिक जुड़ाव रखते हैं. इन अंकों के स्वामी ग्रह क्रमशः सूर्य राहू और केतु होते हैं. विज्ञान एवं आधुनिक विषयों के प्रति अधिक झुकाव रखते हैं. 2/5/8 अंक की श्रृंखला से इनकी सबसे कम बनती है.


दूसरी श्रृंखला 2/5/8 अंक की है. ये अंक आपस में घनिष्ठ मित्रता निभाते हैं. अच्छी स्मरण शक्ति रखते हैं. संवेदनशील और अच्छा व्यवहार करने वाले होते हैं. इनके स्वामी ग्रह क्रमशः चंद्रमा, बुध और शनि ग्रह होते हैं. कलात्मक और व्यापारिक कार्याें से जुड़ने वाले इन्हीं अंकों के लोग होते हैं. इनमें अनुशासन का थोड़ा अभाव होता है. 3/6/9 अंक वालों से इनकी कम बनती है.


तीसरी और महत्वपूर्ण श्रृंखला 3/6/9 अंक की है. इन अंकों से प्रभावित लोग समाज में सर्वाधिक सफल और ऊर्जावान माने जाते हैं. इन अंकों के स्वामी ग्रह क्रमशः गुरु, शुक्र और मंगल होते हैं. अकादमिक शिक्षा अच्छी रहती है. जीवन में सभी सुख ऐश्वर्य इन्हें प्राप्त होते हैं. प्रशासन प्रबंधन से जुड़ते हैं. आदर और सम्मान पाते हैं. इन्हें लोगों को जोड़कर रखने की कला आती है. 1,4 और 7 अंक श्रृंखला से कम बन पाती है.