Happy Onam 2022: ओणम दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है जो 10 दिनों तक मनाया जाता है. इस पर्व का दसवां और अंतिम दिन बहुत खास माना जाता है जिसे थिरुवोणम कहते हैं. इस बार ओणम का त्योहार 08 सितंबर को यानी आज मनाया जा रहा है. थिरुवोणम दो शब्दों से मिलकर बना है - थिरु और ओणम जिसमे थिरु का अर्थ है पवित्र. माना जाता है कि हर साल इस दिन राजा महाबलि पाताल लोक से यहां के लोगों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं. एक अन्य मान्यता के मुताबिक इसी दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार का जन्म हुआ था. ओणम त्योहार थिरुवोणम के बाद भी दो दिनों तक और मनाया जाता है लेकिन ओणम में पहले के 10 दिन ही मुख्य होते हैं.


ऐसे मनाया जाता है थिरुवोणम का त्योहार


केरल के लोग इस उत्सव को बड़े आयोजन के रुप में मनाते हैं. यह उत्सव थिरुओणम के दस दिन पहले से शुरू हो जाता है. ओणम के पहले दिन को एथम बोलते हैं. दूसरे दिन को चिथिरा बोलते हैं. इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के बाद उसकी सजावट शुरू कर देते हैं. दो-तीन दिनों तक तरह-तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. उत्सव के आठवें दिन  थिरुवोणम के लिए खास लिए खरीदारी करते हैं. उत्सव के नौवें दिन लोग फल-सब्जियां खरीदते हैं और शाम को अपने अगले दिन के लिए पकवान बनाते हैं.दसवें दिन घर के सदस्य सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए वस्त्र धारण करते हैं. इसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान पुण्य करते हैं. 



थिरुवोणम की पूजा श्रावण/थिरुवोणम नक्षत्र में पूरे रीति-रिवाज से की जाती है. इस दिन घर के मुख्य द्वार पर राजा महाबलि के स्वागत के लिए फूलों का कालीन बिछाया जाता है. कुछ घरों में आज इस खास दिन घर के प्रवेश द्वार पर चावल के लेप से सुंदर आकृतियां बनाई जाती हैं.शाम के समय राजा के लिए विशाल भोज का आयोजन किया जाता है जिसमें 26 तरह के स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं. इन्हें केले के पत्ते में परोसा जाता है. लोगों का मानना है कि इससे राजा महाबलि खुश होते हैं और प्रजा को आशीर्वाद देकर जाते हैं.


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