नौ ग्रहों के ये हैं सबसे सरल एकाक्षरी मंत्र, जप से बढ़ाएं सकारात्मकता
नवग्रह मंडल के प्रत्येक ग्रह का अलग प्रभाव है. प्रकृति और लोगों पर उनका असर में भिन्नता है. कुंडली के अनुसार इनके एकाक्षरी मंत्रों का नियमित पाठ कर सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है.
सितारों की चाल से हम सभी का प्रति पल प्रभावित होता है. इस गतिचार में कुछ ग्रह हमारे लिए शुभता बढ़ा रहे होते हैं तो कुछ नकारात्मक प्रभाव दे रहे होते हैं. कैसे इन्हें प्रसन्न किया जाए और उनकी सकारात्मकता बढ़ाई जाए इसके कई उपाय हैं. इनमें सबसे सहज सरल उपाय एकाक्षरी मंत्र का जाप है. इन्हें स्वच्छ शांत और पवित्र स्थान पर कहीं भी मनन कर सकते हैं.
- सूर्य ग्रहों के राजा हैं. इन्हें पिता स्वरूप माना गया है. सूर्यदेव की शुभता के लिए एकाक्षरी बीज मंत्र है- ओम् घृणिः सूर्याय नमः.
-चंद्रमा मन के कारक हैं. मातृत्व और स्त्रीत्व के गुणों को बल देने वाले हैं. जीवन में सहजता सौम्यता और प्रेम भरने वाले हैं. चंद्रदेव के लिए एकाक्षरी बीज मंत्र है- ओम् सों सोमाय नमः
- बुध ग्रह व्यवहार कुशलता और विवेक बुद्धि के दाता हैं। व्यापारिक गतिविधियों में सहायक हैं बुध के लिए एकाक्षरी बीज मंत्र है- ओम् बुं बुधाय नमः
- गुरु ग्रह ज्ञान विज्ञान संस्कार और शिक्षा के प्रधान ग्रह हैं. बृहस्पति के लिए एकाक्षरी बीज मंत्र है- ओम् बृं बृहस्पतये नमः
- मंगल ग्रह पृथ्वी से समानता लिए हुए ग्रह हैं. उूर्जा तालमेल सहयोग और शौर्य के लिए विख्यात हैं. एकाक्षरी बीज मंत्र है- ओम् अं अंगारकाय नमः
- शुक्र सौंदर्य के ग्रह हैं. प्रकृति की सुंदरता, आकर्षण भरने वाले हैं. एकाक्षरी बीज मंत्र है-के लिए ओम् शुं शुक्राय नमः
- शनि ग्रह धैर्य और न्याय के प्रतिनिधि हैं. जनसमाज की कुशलता और भलाई के देवता हैं. एकाक्षरी बीज मंत्र है- ओम् शं शनैशचराय नमः