हस्तरेखा ज्ञान : विदेश घुमने की इच्छा हर किसी की होती है. लेकिन ये इच्छा हर किसी की पूरी नहीं होती है. विदेश जाने की इच्छा तभी पूरी होती है जब हाथ में विदेश रेखा हो. विदेश जाने की रेखा हर हाथ में नहीं होती है. ये कुछ विशेष हाथों में ही पाई जाती है. विदेश रेखा हाथ में है या नहीं इसका पता लगाया जा सकता है.


हाथ में गुरु, शनि, सूर्य,बुध और शुक्र पर्वत के साथ साथ चंद्र पर्वत भी पाया जाता है. विदेश जाने के लिए चंद्र पर्वत का गंभीरता से परीक्षण किया जाता है. चंद्र पर्वत पर अगर कोई सीधी रेखा है तो ये रेखा व्यक्ति को विदेश भेजती है. इस रेखा के साथ अगर अन्य कोई सहायक रेखाएं भी साथ ऊपर की तरफ बढ़ती हुई दिखाई देंं  तो व्यक्ति हवाई यात्राएं करता है. ऐसे लोग एयर ट्रेवल अधिक करते हैं.


विदेश रेखा स्पष्ट और लंबी होने पर व्यक्ति कई बार विदेश यात्रा करता है. बुध पर्वत उभरा हुआ हो और इसपर रेखाएं हो तो व्यक्ति बिजनेस के सिलसिले में विदेश की यात्राएं करता है. गुरु पर्वत उभरा हुआ हो और जीवन रेखा से कोई रेखा गुरु पर्वत को स्पर्श करे तो ऐसे लोग शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं. वहीं मंगल पर्वत स्पष्ट हो तो ऐसे लोग मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश की यात्रा करते हैं.


अड़चन आने पर ये उपाय करें


विदेश यात्रा होने के बाद भी विदेश जाने का योग नहीं बन पा रहा है तो व्यक्ति को राहु-केतु की स्थिति का पता लगाना चाहिए. हाथ में जब इन दोनों ग्रहों में से कोई एक खराब स्थिति में होता है तो व्यक्ति को विदेश जाने में दिक्कत आती है. ये ग्रह विदेश जाने में अड़चान पैदा करते हैं. इसलिए इन ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए.


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