Panchak 2023: पंचक में भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम, जीवन पर आता है भारी संकट
Panchak Kaal August 2023: चंद्रमा जब पांच नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं, तब पंचक काल की अवधि बनती है. पंचक काल में कुछ खास कार्यों को करने की मनाही होती है.
Panchak Kaam: हिंदू पंचांग में कई शुभ-अशुभ अवधि का के बारे में बताया गया है. जहां शुभ मुहूर्त में अच्छे और नए कार्यों की शुरुआत होती है, वहीं अशुभ मुहूर्त में किए गए कामों का फल भी अशुभ मिलता है. हर महीने में 5 दिन ऐसे पड़ते हैं, जिनमें किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस समय को पंचक काल कहा जाता है.
पंचक कुछ खास ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बनने पर बनता है. अगस्त महीने में लगने वाले पंचक शुरू हो चुके हैं. पंचक 2 अगस्त से शुरू हुए थे और 7 अगस्त, सोमवार की रात 1 बजकर 43 मिनट तक चलेगें. पंचक के 5 दिनों के दौरान कुछ काम करना बहुत अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि पंचक में किए गए कुछ कार्यों से जीवन पर भी संकट आ सकता है. जानते हैं कि पंचक में कौन से काम नहीं करने चाहिए.
अशुभ होता है पंचक
पंचक को महीने का सबसे अशुभ काल माना जाता है. मान्यता है कि पंचक काल के दौरान जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस घर के बाकी सदस्यों या फिर उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर भी मौत का खतरा बढ़ जाता है. पंचक पांच प्रकार के होते हैं लेकिन सारे पंचक अशुभ नहीं होते हैं. रविवार को शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं. इस पंचक को बहुत अशुभ माना जाता है. वहीं राज पंचक की शुरुआत सोमवार से होती है और इस पंचक को उन सभी कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है जो कि हमारे दैनिक जीवन में होते है.
अग्नि पंचक का आरंभ मंगलवार के दिन से होता है. यह पंचक कानून से जुड़े मामलों के लिए शुभ होता है. जो पंचक शनिवार को शुरू होता है उसे मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है और यह पंचक मृत्यु और दुर्घटना लेकर आता है. शुक्रवार को शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहते है. इस दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने से धन-धान्य में कमी आती है.
पंचक में नहीं करने चाहिए ये काम
पंचक के दौरान विवाह, मुंडन और नामकरण संस्कार जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. इस अवधि में उधार के लेन-देन से बचना चाहिए लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी हो तो इससे पहले माता लक्ष्मी की पूजा करें. अगर पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो परिवार के दूसरे सदस्यों की रक्षा के लिए उपाय करने चाहिए. इसके लिए दाह संस्कार के समय आटे, बेसन और कुश से 5 पुतले बनाकर मृतक के साथ उनका भी अंतिम संस्कार करना चाहिए.
पंचक के दौरान शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. अगर यात्रा बहुत जरूर हो तो सर्वप्रथम हनुमान जी की पूजा करें. उन्हें फलों का भोग लगाएं और इसके बाद ही अपनी यात्रा की शुरुआत करें.
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