Panchang 27 April 2021, Swati Nakshatra: 27 अप्रैल 2021 का दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही विशेष है. इस दिन भगवान राम के परम भक्त और संकट मोचक हनुमान जी का जन्मोत्सव है. इस दिन को हनुमान जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इसके साथ ही इस दिन पूर्णिमा की तिथि है. इसे चैत्र पूर्णिमा और चैती पूनम भी कहा जाता है. विशेष बात ये है कि इस दिन स्वाति नक्षत्र है.


स्वाति नक्षत्र का परिचय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नक्षत्रों की संख्या 27 बताई गई है. स्वाति नक्षत्र का क्रम 15 वें स्थान पर आता है. स्वाति का अर्थ शुभ नक्षत्र पुंज बताया गया है. नन्हें पौधे की शाखाओं का हवा में झूलना स्वाति नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह है. नन्हे पौधों की शाखाएं कोमलता और निर्मलता को दर्शाती हैं.


पवन देव हैं स्वाति नक्षत्र के देवता
स्वाति नक्षत्र के देवता पवन देव हैं. स्वाति नक्षत्र पर तुला राशि का अधिकार है. स्वाति नक्षत्र का संबंध विद्या की देवी मां सरस्वती से है. मां सरस्वती को सभी प्रकार की विद्या प्रदान करने वाली देवी माना जाता है. इसलिए इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति शिक्षा और ज्ञान के महत्व को अधिक वरियता प्रदान करते हैं.


स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वालों का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति मौलिक विचारों वाले होते हैं. दूसरों के ज्ञान से ये कम प्रभावित होते हैं. ये स्वत: ही ज्ञान को जानना चाहते हैं. इनकी कल्पनाशीलता प्रभावशाली होती हैं. सत्य और निष्ठा के मार्ग पर चलना इन्हें अधिक पसंद आता है. कूटनीति में भी ये लोग सफलता प्राप्त करते हैं. विवादों को सुलझाने में ऐसे लोग निपुण होते हैं.


निर्णय सोच समझ कर ही लेते हैं
स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक महत्वपूर्ण मामलों में जल्दबाजी नहीं करते हैं. ऐसे लोग बहुत सोच समझकर ही कोई निर्णय लेते हैं. जिस कारण लोग इन्हें कभी-कभी गलत भी समझ लेते हैं. ऐसे लोग योजना बनाने में निपुण होते हैं. प्रशासनिक क्षेत्र में ऐसे लोग अधिक सफलता प्राप्त करते हैं. ऐसे लोग अच्छे और कुशल प्रशासक भी होते हैं. स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले तनाव से रहित नजर आते हैं, ये प्रसन्न रहने वाले और हंसमुख प्रवृत्ति के भी होते हैं. यही कारण है कि ऐसे लोग दूसरों को बहुत प्रभावित करते हैं.


स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वालों की नकारात्मक बातें
स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले कभी-कभी कार्यों को अधूरा छोड़ देते हैं. ऐसे लोगों के संबंध भी प्रभावित होते हैं. ऐसे लोगों की मित्रता या संबंध अधिक समय तक नहीं चलते हैं. ऐसे लोग अचानक बातचीत करना बंद कर देते हैं. कभी-कभी आत्मविश्वास की कमी भी देखी जाती है. 


अशुभता से बचने के उपाय
स्वाति नक्षत्र की अशुभता से बचने के लिए व्यक्ति को अर्जुन का पौधा लगाना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए. अर्जुन के पौधे को औषधीय पौधा माना गया है.


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