Paush Amavasya: पौष माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि पौष अमावस्या कहलाती है. पौष अमावस्या कल यानी 11 जनवरी को है. धर्म और ज्योतिष में अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व माना गया है. अमावस्या के दिन कई धार्मिक कार्य किये जाते हैं. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध किए जाते हैं. पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए इस दिन उपवास भी रखा जाता है. पौष मास की अमावस्या के दिन कुछ खास काम करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और उनके दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है.
पौष अमावस्या पर ऐसे करें शनि को प्रसन्न
- अमावस्या का दिन शनि को प्रसन्न करने के लिए अति उत्तम माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ का पूजन जरूर करना चाहिए. पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और शनि के मंत्र 'ऊं शं शनैश्चराय नमः' का जाप करें. पौष अमावस्या के दिन शनि मंदिर जरूर जाएं और शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों का तेल या फिर तिल का तेल चढ़ाएं. इससे शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है.
- पौष मास को बहुत ही पुण्य फलदायी बताया गया है. पौष अमावस्या पर शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि स्तोत्र के साथ दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इस दिन हनुमान मंदिर जाने से भी शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन गरीबों को काले तिल या सरसों का तेल दान करें. इस दिन गलती से भी मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करें. अगर आपके घर के आसपास कहीं शमी का पेड़ है तो उस पर जल, सरसों का तेल, काले तिल, गुड़ आदि चढ़ाकर उसकी पूजा करें. इस दिन शनि देव की छवि, यंत्र या मूर्ति के सामने शनि मंत्रों या चालीसा का जाप करना चाहिए.
- पौष अमावस्या के दिन साबुत उड़द,लोहा,तेल,तिल के बीज,पुखराज रत्न और काले कपड़े का दान करना अति उत्तम रहता है. इस दिन शुभ शनि यंत्र घर में लाकर उसकी पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है. भगवान शंकर, शनिदेव के गुरु माने जाते हैं. इसलिए इस दिन भगवान शिव की आराधना करने और शिवलिंग पर तिल का जल अर्पित करने वालों को शनि देव का आशीर्वाद मिलता है.
ये भी पढ़ें
अगर आप पर भी है शनि की साढ़ेसाती है तो भूलकर भी ना करें ये जोखिम भरे काम
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.