Bhoot: आज हम 21वीं सदी के दौर में हैं. यह युग तकनीक, शोध और आविष्कार का है. लोग धरती से चांद और ग्रहों में पहुंच रहे हैं. लेकिन काला जादू, भूत-प्रेत, आत्मा और पुनर्जन्म को मानने वाले लोग आज भी हैं.


आज भी ऐसे कई लोग हैं जो भूत-प्रेत, चुड़ैल, आत्मा आदि के नाम से डर जाते हैं. भारत में आपको ऐसे कई जगह मिल जाएंगे जहां भूत-प्रेत भगाने या जादू टोना करने की बात कही जाती है. कई बाबा तो टीवी पर लाइव टेलिकास्ट के दौरान भूत भगा देने का दावा करते हैं. लेकिन असल सवाल यह है कि क्या सच में भूत-प्रेत होते हैं?



1450-1750 ईस्वी के समय भूत-प्रेत, आत्मा और चुड़ैल होने का बहुत बोलबाला हुआ करता था. जब भी शहर या गांव में कोई रोग फैलता, अचानक मौतें होने लगती, फसल खराब होते, मवेशी मारे जाते या व्यापारा में घाटा होता तो इसे भूत-प्रेत या चुड़ैलों का नाम दे दिया जाता.


मध्यकाल यूरोप से लेकर अमरीका तक लोगों में भूत-प्रेत, चुड़ैल आदि को लेकर बहुत विश्वास देखा जाता था और इसकी शिकार अधिकतर महिलाएं ही होती थीं, जिन्हें डायन या चुड़ैल का नाम देकर मार दिया जाता था. हालांकि ऐसी घटनाएं आज भी देखने-सुनने को मिलती है. आज भी लोग कुदरती आपदाओं को काला जादू या जादू टोना का नाम दे देते हैं.


क्या सच में भूत-प्रेत और आत्माएं होती हैं!


डरना या ना डरना अलग बात है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या सच में भूत-प्रेत और आत्माएं होती हैं? अगर नहीं तो लोग डरते क्यों हैं? वहीं दूसरी ओर विज्ञान के आधार पर बात करें तो, यह भी कहा जाता है कि जो चीज नजर नहीं आती उसे कैसे मान लें. भूत-प्रेत और आत्माएं होती हैं या नहीं या फिर लोग अंधविश्वासी है या नहीं, इसके पीछे अलग-अलग देशों के सांस्कृतिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक कारण हो सकते हैं.


भूत-प्रेत को लेकर क्या कहता है धर्म


भूत-प्रेतों और आत्माओं में विश्वास करना पीढ़ियों से लोगों के दीमाग में गहराई से बसा है, जोकि आधुनिक और वैज्ञानिक युग में भी जारी है. सनातन धर्म के अनुसार भूत-प्रेत और आत्माएं आदि को लोककथा और संस्कृति में आलौकिक प्राणी बताया गया है, जोकि किसी मृतक की आत्मा से बनती है. अगर किसी व्यक्ति की कोई इच्छा मृत्यु से पहले पूरी नहीं होती तो वह पुनर्जन्म के लिए स्वर्ग या नरक नहीं जा पाते और प्रेत बनकर भटकते रहते हैं. वहीं जिनकी हिंसक या अकाल मृत्यु होती है या फिर मृत्यु के बाद उचित संस्कार नहीं किए जाते तो ऐसे लोग भी मृत्यु के बाद प्रेत बनते हैं.


आपको जानकर हैरानी होगी कि असम के मायोंग गांव से लेकर वाराणसी के कई घाटों में काला जादू करने का अभ्यास किया जाता है. इसलिए अक्सर कुछ लोग भारत में रहने वाले लोगों को पाखंडी और अंधविश्वासी भी कह देते है. लेकिन केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग भूत-प्रेत होने की बात को सच मानते हैं. जी हां, आज 21वीं सदी के दौर में भी ऐसे कई देश हैं जोकि काला जादू करने और भूत-प्रेत को मानने के मामले में खूब फेमस हैं. आइये जानते हैं इन देशों के बारे में.


इन देशों में होता है खूब जादू टोना



  • कैटेमाको, मेक्सिको (Catemaco, Mexico): मेक्सिको का कैटेमाको शहर बेहद खूबसूरत है. यह झरने और समुद्र तटों से घिरा हुआ है. लेकिन यह शहर अपनी खूबसूरती से ज्यादा ब्लैक मैजिक को लेकर प्रसिद्ध है. यहां पुरुषों द्वारा सबसे अधिक काला जादू किया जाता है, जोकि सालभर चलता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी यहां ब्लैक मैजिक कोई गरीब, संत, बाबा या आम इंसान द्वारा नहीं बल्कि बड़े-बड़े मेयर द्वारा भी किया जाता है.

  • न्यू ऑरलियन्स, यूएसए (New Orleans, USA): न्यू ऑरलियन्स को अमेरिका में काला जादू का केंद्र माना जाता है. पुराने समय में यहां मैरी लावेउ नाम की महिला थी, जोकि लोगों को काला जादू करने में मदद किया करती थी. आज भी लोग उनसे मदद की उम्मीद रखते हैं और इस कारण उसके कब्र पर 'X' लिखकर चले जाते हैं.

  • हार्ज़ पर्वत, उत्तरी जर्मनी (Harz Mountains, Northern Germany): उत्तरी जर्मनी के हार्ज पर्वत की सबसे ऊंची चोटी जादू-टोना से जुड़ी है. लोगों का कहना है कि यहां काला जादू प्राचीन सैक्सन भगवान वोडेन के बलिदान के साथ जुड़ा हुआ. इतना ही नहीं लोग तो यह भी कहते हैं कि हर साल 30 अप्रैल के दिन इस चोटी पर चुड़ैलें आती हैं.

  • फिलीपींस (Philippines): फिलीपींस शहर को भी काला-जादू या जादू-टोना के लिए जाना जाता है. हालांकि यहां ब्लैक मैजिक अच्छे और बुरे दोनों के लिए किया जाता है. इस देश में लोग जादू-टोना को ‘कुलम’ कहते हैं. वहीं इसका अभ्यास करने वालों को ‘मंगकुकुलम’ कहा जाता है. मंगकुकुलम यानी जादू-टोना सीखने वाले लोग अपने दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने के लिए जादू टोना करते हैं. इसमें वूडू गुड़िया के जरिए जादू टोना करना काफी आम है.


ये भी पढ़ें: Manusmriti Controversy: मनुस्मृति में महिलाओं के लिए क्या लिखा है, जिस पर होता रहता है विवाद













Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.