Pitru Dosha: इन वजहों से कुंडली में बनता है पितृ दोष, बिगड़ जाते हैं सारे काम, जानें दूर करने के उपाय
Pitra Dosh Remedies: पितृ दोष तो जीवन कठिनाईयों से भर जाता है. यह दोष कुछ ग्रहों के कमजोर होने से भी बनता है. इसकी वजह से घर में कलह, अशांति, धन की कमी और बीमारी लगी रहती है.
Pitra Dosh Symptoms: कई बार हमारे कुंडली में कुछ ऐसे दोष बन जाते हैं जिसके प्रभाव से जीवन में हमेशा मुश्किलें आती रहती हैं. घर में हमेशा किसी का बीमार रहना, मान-सम्मान की हानि, पिता से विवाद, बहुत मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना या फिर बने बनाए काम का बिगड़ जाना. यह लक्षण कुंडली में सूर्य के कमजोर होने का संकेत हैं. यह चीजें इस तरफ भी इशारा करती हैं कि आपके कुंडली में पितृ दोष है.
क्या होता है पितृ दोष
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को एक श्राप की तरह माना जाता है. इससे जीवन कई समस्याओं से भर जाता है. कुंडली में कुछ ग्रहों की गलत स्थिति की वजह से पितृ दोष बनता है और इसकी वजह से एक के बाद एक समस्याएं आती रहती हैं. कुंडली में तीन ग्रहों की वजह से पितृ दोष बनता है. पितृ दोष वह कर्म होता है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाता है और वित्तीय, स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याएं पैदा करता है.
सूर्य-चंद्रमा की कमजोर स्थिति
सूर्य को पिता का ग्रह माना जाता है. कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित हो तो पितृ दोष के संकेत मिलते हैं. अगर सूर्य कमजोर है तो जीवन में मुश्किलें थमने का नाम नहीं लेती हैं. ऐसे में सूर्य को मजबूत करने के उपाय किए जाने चाहिए. वहीं कुंडली में चंद्रमा को मां का ग्रह माना जाता है. कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने से भी पितृ दोष लगता है.
चंद्रमा के कमजोर होने से मातृ पक्ष में समस्याएं होने लगती हैं. कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो आपको सफेद चीजों का दान करना चाहिए और चंद्रमा को मजबूत बनाने के उपाय आजमाने चाहिए. सूर्य और चंद्रमा के मजबूत होन से पितृ दोष नहीं लगता है.
राहु भी बनाता है पितृ दोष
राहु एक छाया ग्रह है और जीवन में बाधाएं और चुनौतियां लेकर आता है. अगर कुंडली में राहु नौवें स्थान पर स्थित हो, तो यह पितृ दोष का संकेत देता है. इस स्थिति में आप जो भी नया काम शुरू करते हैं उसमें असफलता ही मिलती है. राहु की वजह से कोई भी काम पूरा करने में समस्या आती है. कई बार बने-बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं.
कुंडली में पितृ दोष के अन्य कारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई बार पूर्वजों के किए पाप का फल उनके वंशजों को भोगना पड़ता है. यह वंशज की कुंडली में पितृ दोष के रूप में आता है. वहीं वंशज अगर पूर्वजों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करते हैं, उनका सही से श्राद्ध या तर्पण नहीं करते हैं तो इससे भी पितृ दोष होता है. ऐसे में पूर्वजों का विधी पू्र्वक तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
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