Pitra Dosh Nivaran: पितृ दोष को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही अशुभ माना गया है. जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में पितृ दोष होता है उसका जीवन संपूर्ण जीवन संकट और परेशानियों से भर जाता है. ऐसे व्यक्ति को जीवन में छोटी छोटी चीजों को पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है. किसी का अहित न करने पर भी ऐसे लोगों के अनेकों छिपे हुए शत्रु होते हैं जो निरंतर बाधा और परेशानी पैदा करते रहे हैं. जन्म कुंडली में जब नवम भाव में राहु या केतु विराजमान हो जाएं तो समझ लें कि व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है. लेकिन जिन लोगों को अपने जन्म का समय ज्ञात नहीं है वे पितृ दोष का कैसे पता लगाए, आइए जानते हैं.


पितृ दोष के लक्षण

पितृ दोष होने पर घर में विवाद की स्थिति बनी रहती है. घर के बड़ों का सम्मान धीरे धीरे कम होने लगता है. घर के मुखिया को अपमान सहना पड़ता है. कलह और तनाव की स्थिति बनी रहती है. घर में प्रवेश करते हैं मन खराब होने लगता है. दांपत्य जीवन में मधुरता नहीं रहती है और निरंतर हानि बनी रहती है. जमा पूंजी नष्ट हो जाती. व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है. बुरी संगत में पड़ जाता है, व्यक्ति को हर चीज को पाने के लिए बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ता है. यदि ये लक्षण दिखाई दें तो समझ लेना चाहिए कि कहीं न कहीं पितृ दोष का असर है.


पितृ पक्ष में करें पितृ दोष का उपाय

पितृ दोष का उपाय पितृ पक्ष में ही उचित और फलदायी माना गया है. पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध देना चाहिए. पितरों को याद करना चाहिए. पूजा करते समय पितरों का स्मरण करें जीवन में होने वाली गलतियों के लिए माफी मांग और आर्शीवाद बनाए रखने की प्रार्थना करें. कुत्ता, मछली और कौओं को भोजन खिलाएं. गाय को रोटी दें. अमावस्या की तिथि को पीपल को जनेऊ अर्पित करें. ऐसा करने से पितृ दोष से आराम मिलता है.