Pitru Paksha Sanyog: श्राद्ध पक्ष (Sharadh Paksha) की शुरुआत हो चुकी है. आज पितृपक्ष (Pitru Paksha) का पहला दिन है. प्रतिपदा तिथि (Pratipada Tithi) से श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पितरों को याद किया जाता है. पितरों की आत्मा की तृप्ती के लिए पिंडदान, दान, तर्पण कर्म आदि किया जाता है. कहते हैं कि इन 16 दिनों में यमराज पितरों की आत्मा को धरती पर वंशजों के पास भेजते हैं, ताकि वे अपने वंशजों से मिल सकें और अन्न और जल से तृप्त होकर वापस लौट आए. मान्यता है कि पितर तृप्त होकर अपने वंशजों को आर्शीवाद देकर वापस लौट जाते हैं. ऐसे में कई तरह की बातों का पितृपक्ष के नियम का खास ख्याल रखना चाहिए.
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार पितृपक्ष में खास शुभ संयोग बन रहें हैं, जो बेहद ही कल्याणकारी हैं. इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ रवि योग, अमृत सिद्धि योग, आदि के विशेष योग बन रहे हैं. मान्यता है कि शुभ संयोग में पितरों का श्राद्ध करने से शुभ कार्यों में प्रगति होती है. इतना ही नहीं, वंशवृद्धि और घर परिवार में शांति बनी रहती है. साथ ही, इस दौरान किया गया पिंडदान और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं इन शुभ संयोग के बारे में-
अमृत सिद्धि योग (Amrit Sidhi Yoga)
श्राद्ध पक्ष के दौरान 27 सितंबर और 30 सितंबर को अमृत सिद्धि योग बन रहा है. इस योग को काफी शुभ माना गया है. कहते हैं कि ये योग नक्षत्र और वार के संयोग से बनता है. किसी भी कार्य को सफलता से पूर्ण करने के लिए ये योग बहुत लाभकारी है. हर तरह के मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त के लिए भी ये संयोग बहुत महत्वपूर्ण है. इस योग में किए जाने वाले काम का फल व्यक्ति को अमृत के समान प्राप्त होता है. सफलता और शुभता का प्रतीक होता है अमृत सिद्धि योग.
रवि योग (Ravi Yoga)
26 सितंबर और 27 सितंबर को पितृपक्ष के दौरान रवि योग बन रहा है. मान्यता है कि रवि योग को सूर्य का पूर्ण आर्शीवाद प्राप्त होता है, जिस के कारण यह ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है. यह योग सूर्य की ऊर्जा से भरपूर होता है. इस योग में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं. कहते हैं कि इसमें लगभग सभी दोषों का नाश होता है. पितृपक्ष के दौरान रवि योग का पड़ना कल्याणकारी माना जाता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvarth Sidhi Yoga)
पितृपक्ष की 21, 23, 24, 27 और 30 सितंबर और 6 अक्टूर को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग एक बहुत ही शुभ योग है. ये योग सभी इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है. इस योग में किया गया कार्य सफल होता है. अगर आपको कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है तो आप इस योग में कार्य कर सकते हैं. इतना ही नहीं, इस योग में सभी दोषों को दूर करने की क्षमता भी होती है.