Pitra Dosh Upay: हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का विधान है. पितृ पक्ष में 15 दिनों तक लोग अपने पितरों का पिंडदान करते हैं. पितृ पक्ष 10 सिंतबर को शुरू होकर 25 सितंबर को समाप्त हो रहे हैं. माना जाता है  कि इन 15 दिनों तक पितृ पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिजनों के बीच रहकर अन्न और जल ग्रहण करते हैं. अपनी सेवा से प्रसन्न होकर वो अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस दौरान कुछ ऐसे संकेत भी मिलते हैं जिससे पता चलता है कि आपके पितृ आपसे नाराज हैं और आपको कुछ उपाय करने की आवश्यकता है.आइए जानते हैं पितृ दोष के क्या लक्षण हैं.


पितर नाराज हों तो मिलते हैं ये संकेत


पितृ दोष हो तो लाख मेहनत करने के बाद भी फल नहीं मिलता है. व्यक्ति हमेशा तनाव में रहता है और तरक्की में बाधा आती है. पितरों की नाराजगी का असर घर के सदस्यों पर भी पड़ता है. कुछ लोगों के वैवाहिक जीवन में समस्या देखने को मिलती है. वहीं अविवाहितों के विवाह में कई बाधाएं आती हैं. पितरों के नाराज होने पर पूजा-पाठ का शुभ फल नहीं मिलता है. पितृ दोष की वजह से सपने में बार-बार पूर्वज नजर आते हैं और कुछ खास संकेत देते हैं. इसकी वजह से शुभ काम में भी अड़चनें आती हैं. कई बार लोगों को संतान की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.


पितृ दोष दूर करने के उपाय


कुछ आसान उपाय अपना कर आप पितृ दोष दूर कर सकते हैं. इसके लिए पितृपक्ष में पिंडदान जरूर करें. पितरों की शांति के लिए अनुष्‍ठान करना लाभदायक रहेगा. कौवों और अन्य पशु-पक्षियों को भी भोजन कराएं. किसी जानकार पंडित से संपर्क कर उससे पितृ दोष शांति का उपाय कराएं. भगवान भोलेनाथ का ध्यान करें. उनका ध्यान करते हुए रोज 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात' मंत्र की एक माला का जाप करें.


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