Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है. पितृपक्ष में पितरों को याद किया जाता है और उनके नाम से तर्पण , पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. मान्यता है कि विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. इससे प्रसन्न होकर पूर्वज अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.


पितृपक्ष में खाएं चना


धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृपक्ष में चना और चने से बना पदार्थ जैसे- चने की दाल और चने से बना सत्तू नहीं खाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि श्राद्ध पक्ष में चना वर्जित होता है. श्राद्ध पक्ष के दौरान चने का उपयोग अशुभ माना जाता है.


मसूर-दाल


पितृ पक्ष में श्राद्ध के दौरान कच्चे अनाज का सेवन वर्जित माना गया है. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा पितृ पक्ष में दाल, चावल, गेहूं जैसे कच्चे अनाज का भी सेवन नहीं करना चाहिए. इन चीजों का सेवन अशुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार इन्हें उबालकर खाना चाहिए. मसूर की दाल को किसी भी रूप में श्राद्ध के दौरान प्रयोग नहीं करना चाहिए.


लहसुन-प्याज का सेवन है निषेध


हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन की श्रेणी में गिना जाता है. कहा जाता है पितृ पक्ष में इन चीजों के सेवन से पितृ नाराज होते हैं और असंतृप्त रहते हैं. इससे कुंडली में पितृ दोष बना रहता है.


पितृ पक्ष में इन सब्जियों का सेवन है वर्जित  


पितृपक्ष के दौरान आलू, मूली, अरबी और कंद वाली सब्जियों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इसके अलावा उन सब्जियों का सेवन करना अशुभ माना जाता है जो जमीन के अंदर उगती है. इन सब्जियों को श्राद्ध में न तो खुद को खाना चाहिए और नहीं ब्राह्मणों को खिलाना चाहिए तथा नहीं इनका भोग लगाना चाहिए.


 



 



 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.