Pitru Paksha 2022 Shradh: पंचांग के मुताबिक, आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 11 सितंबर दिन रविवार से लग रही है. अत: पितृ पक्ष का आरम्भ 11 सितंबर को होगा. परंतु पूर्णिमा का श्राद्ध कर्म भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही किया जाता है. इसलिए महालय का आरंभ 10 सितंबर दिन शनिवार को किया जाएगा. पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और दान दिया जाता है. कहा जाता है कि यमराज पितृ पक्ष / श्राद्ध पक्ष में जीवों को मुक्त कर धरती पर भेज देते हैं ताकि वे अपने परिजनों से तर्पण प्राप्त कर तृप्त हो सकें. ऐसे में पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए राशि के अनुसार श्राद्ध के साथ ये कार्य भी करना चाहिए.



  • मेष राशि : मेष राशि के जातक श्राद्ध पक्ष में प्रतिपदा के दिन अपने परिजनों के नाम से गरीबों को भोजन करवाएं.

  • वृषभ राशि : ये जातक श्राद्ध पक्ष में किसी भी दिन पितरों के नाम से 21 बच्चों को भोजन कराकर सफेद वस्त्र उपहार में दें.

  • मिथुन राशि : ये जातक श्राद्ध पक्ष में किसी भी दिन पितरों के नाम से पक्षियों को बाजरा खिलाएं.

  • कर्क राशि : पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ पक्ष में किसी दिन 400 ग्राम साबुत बादाम बहते हुए जल में प्रवाहित करें.

  • सिंह राशि: सिंह राशि के जातक श्राद्ध पक्ष में गरीबों को सूखे अनाजऔर पीले वस्त्र दान दें.

  • कन्या राशि: इस राशि के जातक सर्वपितृ अमावस्या के दिन गरीब और अनाथों को भोजन, वस्त्र आदि दान करें.

  • तुला राशि: पितृ दोष से मुक्ति के लिए इन्हें दूध-चावल से बनी खीर और नमकीन दान करना चाहिए.

  • वृश्चिक राशि: इस राशि के जातक पितरों के नाम से 5 ग़रीब और जरूरत मंद लोगों को दो रंग का कंबल या गर्म वस्त्र दान करना चाहिए.

  • धनु राशि: इन्हें पक्षियों के दाना डालना और गौशाला में चारा दान करना चाहिए.

  • मकर राशि: पितृदोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में गंगा जल डालकर स्नान करें. शनि मंदिर में जाकर दृष्टिहीन और दिव्यांग को भोजन करवाएं.

  • कुंभ राशि: इन जातकों को पितृ दोष के निवारण के लिए 11 श्री फल लेकर उनपर पितरों के नाम लिखें उसके बाद इस बहते जल में प्रवाहित करें.

  • मीन राशि: जातक दूध या मावे से बनी खीर ग़रीबों को खिलाएं.



 



 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.