Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki: मकर राशि में शनि देव वक्री होकर वर्तमान समय में गोचर कर रहे हैं. शनि देव का स्वभाव कठोर माना गया है. वे नियमों का पालन करने वाले देवता हैं. जो नियमों को तोड़ता है या फिर उन्हें नहीं मानता है, तो शनि देव अपनी दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान कठोर दंड देने का कार्य करते हैं.


ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता कहा गया है. शनि देव कलियुग के दंडाधिकारी माने गए हैं. शनि देव को ये उपाधि स्वयं भगवान भोलेनाथ यानि भगवान शिव ने उन्हें प्रदान की हुई है. शनि देव भगवान शिव के परम भक्त हैं. शनि की भक्ति से प्रसन्न होेकर भगवान शिव ने उन्हें सभी नवग्रहों में न्यायाधीश की उपाधि प्रदान की. वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, वहीं मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या बनी हुई है.


श्रीकृष्ण भक्त भी हैं शनि देव
शनि देव भगवान शिव के साथ भगवान श्रीकृष्ण के भी भक्त हैं. भगवान श्रीकृष्ण की शनि देव ने विशेष तपस्या की थी. जिससे प्रसन्न होकर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए थे. 30 अगस्त 2021 को जन्माष्टमी का पर्व है. इस दिन शनि यदि अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं तो श्रीकृष्ण की पूजा करने से शनि देव शुभ फल प्रदान करते हैं. क्योंकि शनि देव के बारे में ऐसा माना जाता है कि वे कृष्ण भक्तों को परेशान नहीं करते हैं.


शमी के पौधे की पूजा करने से शनि के दोष दूर होते हैं
मान्यता है कि शमी का पौधा घर में लगाने से शनि के दोष दूर होते हैं. शमी के पौधे को पवित्र माना गया है. इस पौधे में अग्नि देव का वास माना गया है. इसीलिए यज्ञ में इसका प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही प्रतिदिन शमी के पौधे की पूजा करने से शनि की अशुभता दूर होती है. जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है उन्हें इस पौधे की पूजा नित्य करनी चाहिए. इसके साथ शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए.


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