PM नरेंद्र मोदी की चुनौतियां फिलहाल नहीं होंगी कम, वजह जान उड़ जाएंगे होश
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं. गठबंधन की सरकार में क्या वाकई में उन्हें चुनौतियां का सामना करना होगा? PM मोदी की कुंडली (PM Modi Kundli) से जानते हैं.
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देश में हुए 18वीं लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 240 सीटें हासिल हुईं. हालांकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) गठबंधन ने 292 सीटें हासिल कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया और सरकार बनाई.
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 9 जून 2024 को राष्ट्रपति भवन में प्रधानंमत्री पद की शपथ ली. नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं.
ज्योतिष (Astrology) के अनुसार, पीएम बनने के बाद भी फिलहाल नरेंद्र मोदी की चुनौतियां कम नहीं होगी, क्योंकि कुंडली (Modi Kundli) में स्थित कुछ ग्रह उनकी परेशानी बढ़ सकते हैं.
PM मोदी के सामने चुनौतियां!
- इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सिंतबर 1950 को मेहसाणा गुजरात में हुआ. इनके जन्म की कुंडली वृश्चिक लग्न की है. इसमें चंद्रमा और मंगल का राजयोग उन्हें लगभग 20 सालों से राजनीति में आशातीत सफलताएं दिला रहा है. साथ ही कुंडली में चंद्रमा से केंद्र में गुरु के होने से गजकेसरी योग (Gajkesari yog) और पंचम भाव में बैठा राहु (Rahu) दशमेश सूर्य (Surya) के साथ सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है.
- हालांकि वर्तमान में ग्रहों की स्थिति कुछ ऐसी बन रही है, जोकि परेशानी खड़ी कर सकता है. क्योंकि फिलहाल चंद्रमा से चतुर्थ में गोचर कर शनि और विंशात्तरी दशा में मंगल में शनि की दशा के कारण ही उन्हें सरकार बनाने के लिए गठबंधन में अन्य दलों की सहायता लेनी पड़ी.
- वहीं वृश्चिक लग्न की मोदी की कुंडली में चंद्रमा और मंगल दोनों विराजमान हैं. मंगल जहां स्वग्रही हैं, वहीं चंद्रमा नीच है. ऐसे में दोनों मिलकर नीच राजभंग योग बना रहे हैं. इस योग के बनने पर व्यक्ति का बहुत विरोध होता है. हालांकि वह उतना ही प्रभावशाली भी बनता है.
- वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि वृश्चिक पर शनि की ढैय्या (Shani Dhaiya) चल रही है. शनि ढैय्या के कारण उन्हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. शनि ग्रह को परेशानियां देने के लिए भी जाना जाता है. यहां शनि प्रत्येक कार्य में बाधा पैदा करते दिख रहे हैं. PM मोदी स्वयं भगवान शिव की भक्त हैं, इस कारण शनि के दोष में कमी भी आ सकती है.
- प्रधानमंत्री की परेशानियां बढ़ाने में राहु (Rahu) की भी अहम भूमिका रहेगी. क्योंकि कुंडली के पंचम भाव में राहु के होने से कुछ गलत निर्णय लेने की स्थिति बन सकती है, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है. राहु भ्रम और अचानक घटित होने वाली घटनाओं का कारक है.
- कुंडली में लग्नेश मंगल के छठे भाव में जाने से विरोधी इस समय पीएम मोदी पर हावी हो सकते हैं और उनकी आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. ऐसे में उनकी लोकप्रियता भी कुछ कम हो सकती है.
- नरेंद्र मोदी की कुंडली में बने ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार, 2026 से लेकर 2027 का समय उनके लिए चुनौतियों भरा रह सकता है. यह ऐसा समय होगा जह उन्हे जनता का कम समर्थन मिलेगा.
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