PM Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि 23 अगस्त 2024, शुक्रवार के दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) से मुलाकात की है. इस मुलाकात को पूरी दुनिया के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. ये मुलाकात उस वक्त हो रही है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है.
रूस (Russia) से भारत के मजबूत संबंध किसे छिपे नहीं हैं. वहीं प्रधानमंत्री मोदी के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दोस्ताना संबंध भी जगजाहिर हैं. ऐसे में रूस के परम शत्रु देश की जमीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र का पहुंचाना और वहां के राष्ट्रपति को गले लगाना, लोगों को हैरान करने वाला है. ग्रहों की चाल से इसे समझने की कोशिश करते हैं-
मंगल को गोचर से पहले पीएम मोदी की युक्रेन यात्रा
मंगल ग्रह को युद्ध का कारक माना गया है. विशेष बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी के जीवन में भी मंगल की भूमिका बेहद अहम है. इस यात्रा के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे.
पीएम मोदी का मंगल भारी!
इंटरनेट पर मौजूद प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली (Modi Kundli) वृश्चिक लग्न की है और इस लग्न में चंद्रमा और मंगल दोनों विराजमान हैं. कुंडली में मंगल जहां स्वग्रही हैं तो वहीं चंद्रमा नीच है. जिस कारण नीच राजभंग योग बना है. कुंडली में मंगल की स्थिति प्रभावी है.
पीएम मोदी की कुंडली में मंगल की महादशा
वर्तमान समय पीएम मोदी (PM Modi) की कुंडली में मंगल की महादशा चल रही है. जबकि शनि की अंतर्दशा चल रही है. कुंडली में शनि पराक्रमेश हैं. कुंडली में मंगल महादशा में शनि की अंतर्दशा 2025 तक रहेगी. युद्ध के बीच यूक्रेन का दौरा मोदी के साहस को दर्शाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस समय विक्रम संवत 2081 चल रहा है. इस संवत का राजा मंगल और महामंत्री शनि है.
यूक्रेन दौरा अति महत्वपूर्ण
ज्योतिष में मंगल को युद्द, सैन्य, रक्त, साहस आदि का कारक माना गया है. वर्तमान समय में मंगल वृष राशि में गोचर कर रहा है और बृहस्पति ग्रह के संग युति बनाए है. बृहस्पति मंगल के नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं. पंचांग के अनुसार 26 अगस्त 2024 को मंगल, बुध की राशि मिथुन में गोचर करने वाला है.
मंगल के राशि परिवर्तन (Mangal Gochar 2024) से पहले पीएम मोदी की युद्ध ग्रस्त देश यूक्रेन जाना अति महत्वपूर्ण है. इन दोनों देशों के बीच यादि शांति वार्ता की स्थिति बनती है तो भारत की भूमिका अहम होगी. पीएम मोदी इस यात्रा से दुनिया को एक संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं.
विश्व शांति की दिशा में भारत की बड़ी पहल!
इस समय मंगल की स्थिति विशेष बनी हुई है. 20 अगस्त 2024 से देव गुरू बृहस्पति भी मंगल के नक्षत्र मृगशिरा में गोचर कर रहे हैं. गुरू के मंगल के नक्षत्र में गोचर और राशि परिवर्तन को पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा विश्व शांति के लिए अहम हो सकती है.
शनि की उल्टी चाल क्या कहती है?
ग्रहों की चाल से ऐसा भी प्रतीत होता है कि देश-दुनिया के लिए आने वाले 3 माह शासन-सत्ता के लिए चुनौती पूर्ण हैं. सीमावर्ती देशों के साथ युद्ध की आशंका, विवाद की स्थितियों से इनकार नहीं किया जा सकता है.
वहीं जनता के पीड़ित होने की भी संभावना बनी हुई है. 15 नवंबर 2024 तक शनि वक्री (Shani Vakri 2024) रहेंगे. यानि शनि उल्टी चाल चलेंगे. शनि जनता के भी कारक है. जनता किसी भी प्रकार का धोखा, छल बर्दाश्त नहीं करेगी.
मंगल (Mangal) की स्थिति मजबूत होने के कारण प्रदर्शनों में उग्रता आ सकती है. इसलिए शासन सत्ता में जिम्मेदारी के पदों पर आसीन लोगों को चाहिए कि ऐसी स्थिति में कुशलता का परिचय दें. प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों के लिए ये समय चुनौती भरा हो सकता है.
बृहस्पति (Guru) की भूमिका आग में घी का काम कर सकती है. सूर्य, मंगल, शनि (Shani Dev) और बृहस्पति इस समय विशेष भूमिका में हैं, ये प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं की ओर भी इशारा कर रही है.
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