Rahu , Rahu Mantra : ज्योतिष शास्त्र में राहु को कई नाम दिए गए हैं. राहु को मायावी ग्रह, रहस्मय ग्रह और पाप ग्रह भी कहा गया है. इसके साथ जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक भी राहु ही है. राहु दोनों तरह के फल प्रदान करता है. कुंडली में जब ये शुभ स्थिति में होता है तो मनुष्य को ये जीवन में अपार सफलता प्रदान करता है.
कलियुग में राहु को माना गया है विशेष
कलियुग में राहु ग्रह को एक प्रभावी ग्रह माना गया है. राहु के बारे में ये भी कहा जाता है कि राहु एक ऐसा ग्रह है जो शुभ होने की स्थिति में रंक को भी राजा बना देता है. वहीं जब ये अशुभ होता है तो एक झटके में राजा को भी रंक बना देता है. अशुभ होने पर ये नशे की लत भी प्रदान करता है. राहु को शांत रखना बहुत ही आवश्यक माना गया है.
बुरी आदतें लगाता है राहु
राहु जब अशुभ होता है तो व्यक्ति की संगत को खराब कर देता है. व्यक्ति ऐसे लोगों के साथ उठने-बैठने लगता है, जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है. कभी-कभी ये अपराधियों से भी मित्रता करा देता है. राहु भ्रम का कारक भी है. जब ये अशुभ होता है तो व्यक्ति सही और गलत का भेद भूल जाता है. समय रहते यदि इसका उचित उपाय न किया जाए तो ये जीवन संकट में डाल देता है. धन की हानि की साथ-साथ मान सम्मान भी चला जाता है. सेहत, दांपत्य जीवन को भी राहु बुरी तरह से प्रभावित करता है. राहु खराब होने पर बुरी चीजों की तरफ आकर्षित करता है.
राहु का उपाय (Rahu Upay)
- भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
- शरीर में पानी की कमी न होने दें.
- पशु-पक्षियों की सेवा करें.
- गंदगी से दूर रहें, स्वच्छता का ध्यान रखें.
- राहु मंत्र - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जाप करें.
- रसोई में बैठकर भोजन करें.
- जल में कुश डालकर प्रतिदिन स्नान करें.
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