Rahu Characteristics: राहु को ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रह माना गया है. राहु और केतु ये दोनों ही पाप ग्रह माने गए हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु को सिर माना गया है. यानि राहु का धड़ नहीं है. केतु को धड़ माना गया है इसका सिर नहीं है. राहु का क्या फल देता है आइए जानते हैं.
राहु को कभी भी कमजोर ग्रह नहीं मानना चाहिए. राहु एक शक्तिशाली ग्रह माना गया है. कलयुग में राहु को एक प्रभावशाली माना गया है. राहु एक रहस्मय ग्रह है. इसके साथ ही निड़र और कूटनीति में माहिर माने जाने वाला ग्रह है. राहु यदि जन्म कुंडली में शुभ हो तो व्यक्ति को अप्रत्याशित लाभ प्रदान करता है.
राहु जब भी देगा, बड़ा देगा
राहु का स्वभाव बहुत ही अलग है. ये जब भी देगा अधिक और अचानक देगा. शुभ और अशुभ स्थिति में भी यही बात लागू होती है. यानि राहु रंक को राजा और राजा को रंक बनाने की क्षमता रखता है.
राहु के नक्षत्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु के तीन नक्षत्र बताए गए है. राहु का पहला नक्षत्र आद्र्रा, दूसरा स्वाति और तीसरा नक्षत्र शतभिषा है. आद्र्रा नक्षत्र मिथुन राशि के अंतर्गत आता है. इसका संबंध विचार और बुद्धि से है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी भावुक होते हैं. ऐसे लोगों को जीवन में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है.
स्वाति नक्षत्र
तुला राशि से स्वाति नक्षत्र का संबंध है. ये नक्षत्र तुला राशि के अंतर्गत आता है. ज्योतिष शास्त्र में इस नक्षत्र को वायु की शक्ति वाला माना गया है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अच्छे सेल्समैन होते हैं. ऐसे लोग दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. स्वाति नक्षत्र वाले जातक आने वाले समय को भांप लेने की भी क्षमता रखते हैं, ऐसे लोग राजनीति में सफलता प्राप्त करते हैं.
शतभिषा नक्षत्र
शतभिषा नक्षत्र को कुम्भ राशि के अंतर्गत आता है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले कई विषयों की गहरी जानकारी रखने वाले होते हैं. ऐसे लोग किसी भी विषय को बहुत जल्दी समझ लेते हैं. शतभिषा नक्षत्र से प्रभावित व्यक्ति अच्छा चिकित्सक और विद्वान होता है.
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