Rahu Ketu: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को विशेष ग्रह माना गया है. ये छाया ग्रह होने के बाद भी बेहद शक्तिशाली माने गए हैं. इन ग्रहों के बारे में बड़े से बड़े ज्योतिषी  भी पूरी तरह से नहीं समझ पाएं हैं. यही कारण है राहु केतु को मायवी ग्रह भी कहा जाता है. ये दोनों शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं. वर्तमान समय में ये ग्रह दो राशियों पर विशेष दृष्टि जमाए हुए हैं.


राहु केतु की कहानी (Rahu Ketu Story in Hindi)
राहु केतु कौन है? इसे भी जानना जरूरी है. एक पौराणिक कथा के अनुसार राहु केतु एक ही राक्षस के दो हिस्से हैं. स्वरभानु नाम का एक राक्षस था, जो समुद्र मंथन के दौरान छल से अमृत की कुछ बूंदे पीने में सफल हो गया, लेकिन ऐन वक्त पर चंद्रमा और सूरज ने भगवान विष्णु को इसकी जानकारी दी, इसके बाद तुरंत ही सुर्दशन चक्र से विष्णु जी ने उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी. लेकिन तब तक अमृत की कुछ बूंदे उसके शरीर में प्रवेश कर गई, जिस कारण अलग होने के बाद भी वो जीवित रहा है. इस कारण से जो सिर का हिस्सा रहा वो राहु कहलाया और धड़ वाले हिस्से को केतु कहा गया है.


राहु केतु का स्वभाव (Rahu Ketu Nature)
ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु को भ्रम और जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक माना गया है. ये कुंडली में अपनी शुभ-अशुभ स्थिति के अनुसार फल प्रदान करते हैं. इन ग्रहों को पाप ग्रह माना गया है. कलियुग में ये बहुत ही प्रभावी ग्रह बताए गए हैं. वर्तमान समय में इन दो राशियों में गोचर कर रहे हैं.


मेष राशि में राहु का गोचर (Rahu Transit in Aries 2022)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 अप्रैल 2022 से राहु मेष राशि में गोचर कर रहा है. मेष राशि में राहु का गोचर 30 अक्टूबर 2023 तक रहेगा. इस दौरान मेष राशि वालों को विशेष सावधानी बरतनी होगी. क्योंकि राहु जीवन में अचानक परेशानियां देता है. 


तुला राशि में केतु का गोचर (Ketu Transit in Libra 2022)
तुला राशि में केतु विराजमान है. केतु भी 30 अक्टूबर 2023 तक इसी राशि में रहेगा. केतु को मोक्ष और शोध का भी कारक माना गया है. तुला राशि वालों को इस दौरान कर्ज से बचना होगा. सेहत का ध्यान रखना होगा. गलत संगत का त्याग करना होगा. 


उपाय (Upay in Hindi)
राहु केतु को शांत रखना बहुत ही आवश्यक है. भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करने से ये ग्रह शांत रहते हैं. राहु को शांत रखने के लिए शिवजी की पूजा करना अच्छा माना गया है. वहीं बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने से केतु शांत रहता है.


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