(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rahu Ketu: कुंडली में कालसर्प दोष है तो भूलकर भी न करें ये काम, राहु-केतु करते हैं परेशान
Kall Sarp Dosh: राहु और केतु के संयोग से बनने वाले कालसर्प दोष को ज्योतिष शास्त्र में सबसे अशुभ योगों में से एक माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में यह अशुभ योग पाया जाता है उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
Rahu Ketu Remedy: कालसर्प दोष का निर्माण कुंडली में तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य आ जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ता है. यदि कालसर्प दोष का उपाय न किया जाए तो व्यक्ति को धन, सेहत, जॉब, बिजनसे और संबंधों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष 12 प्रकार के बताए गए हैं. राहु और केतु की दशा और महादशा में ये दोनों ही ग्रह कुंडली में जिस स्थान और स्थिति में बैठे होते हैं उसी प्रकार से फल प्रदान करते हैं. राहु केतु के बारे में ये भी कहा जाता है ये शुभ स्थिति में होने पर जीवन में अप्रत्याशित फल भी प्रदान करते हैं. शुभ होने की दशा में ये दोनों ही ग्रह व्यक्ति को जीवन में अचानक बड़ा लाभ भी प्रदान करते हैं.
कालसर्प को लेकर घबराना नहीं चाहिए जन्म कुंडली में यदि कालसर्प योग बना हुआ है तो इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. इस योग के कुछ अशुभ फल हैं तो शुभ फल भी बताए गए हैं. जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण होता है तो व्यक्ति बहुत परिश्रमी होता है. ऐसे व्यक्ति साहसी और कभी हिम्मत हारने वाले नहीं होते हैं. इन्हें देर सबेर सफलता भी मिलती है.
इन बातों का ध्यान रखें कालसर्प दोष यदि कुंडली में है तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. व्यक्ति को गलत चीजों से दूर रहना चाहिए. किसी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए. इससे इस दोष के प्रभाव में वृद्धि होती है. अनैतिक कार्यों को नहीं करना चाहिए. झूठ बोलने की आदत से भी बचना चाहिए. राहु केतु को शुभ बनाने के लिए भगवान शिव और भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि का पर्व पर शिवजी की विशेष पूजा करने से भी राहु केतु शांत होते हैं.
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