राहू का रोहिणी नक्षत्र में वर्तमान विक्रम संवत में बना रहेगा. इस बदलाव से चंद्रमा और उसके मित्र ग्रह लाभांवित होंगे. इनमें सूर्य और गुरु प्रमुख हैं. वक्री ग्रह राहू के प्रभाव से कर्क सिंह धनु और मीन राशि लाभांवित होंगी. अधिक सकारात्मक प्रभाव के लिए इन राशि के लोगों को बहते जल में जौ प्रवाहित करना शुभकर होगा.
रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा को उच्चता प्रदान करता है. राहू के प्रभाव से लोक समाज में चंद्रमा के गुणों की वृद्धि होगी. उत्साह और नैराश्य दोनों ही प्रकार के भावों की अधिकता देखने को मिलेगी. स्मरण शक्ति और सृजनात्मकता कोे बल मिलेगा.चंद्रमा सबसे तेज चलने वाला ग्रह है. इसके प्रभाव में लोगों में सभी प्रकार की यात्राओं में रुचि नजर आएगी.
राहू राशि वृष राशि में स्वयं भी प्रभावशाली और उच्च के माने जाते हैं. शुक्र ग्रह की यह राशि राहू के प्रभाव से शुक्र को भी बल दे रही है.
राहू के दुष्प्रभावों को कम करने और शुभता बढाने ओम् रां राहवे नमः का जाप भी किया जाता है. साथ ही तांत्रिक मंत्र ओम् भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जाप कर सकते हैं. राहू का यह परिवर्तन मंगल की प्रधानता वालों के लिए कमजोर फल देने वाला है. इन्हें राहू के उपाय अवश्य लेना चाहिए.