Rajyog In Kundli: जन्म कुंडली में सूर्य और बुध ग्रह की युति से एक राजयोग का निर्माण होता है, जिसे बुधादित्य योग कहा जाता है. यह राजयोग व्यक्ति को जीवन में सफलता प्रदान करता है. ज्योतिष शास्त्र में जिन राजयोग के बारे में बताया गया है, उसमे से एक बुधादित्य योग भी है. इस योग को अत्यंत शुभ योग माना गया है. सूर्य और बुध की युति से इस शुभ योग का निर्माण होता है.


सूर्य ग्रह का स्वभाव
इस राजयोग के बारे में जानने से पहले सूर्य और बुध ग्रह के स्वभाव के बारे में जान लेते हैं. सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का राजा कहा गया है. सूर्य को ग्रहों का अधिपति भी कहा जाता है. सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है. सूर्य की शुभता से व्यक्ति को उच्च पद, मान सम्मान और लोकप्रियता की प्राप्ति होती है. सूर्य ग्रह को सिंह राशि का स्वामी बताया गया है. सूर्य मेष राशि में उच्च और तुला राशि में नीच के हो जाते हैं.


बुध ग्रह का स्वभाव
नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि प्रदान करने वाला ग्रह भी माना गया है. बुध के शुभ होने पर व्यक्ति की भाषा और बोली मधुर होती है. व्यापार आदि में अच्छी सफलता प्राप्त होती है. मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध ही हैं.


बुधादित्य का फल
बुधादित्य योग जब वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ लग्न में हो तो व्यक्ति प्रभावशाली होता है. ऐसे व्यक्तियों को दूसरों को निर्देश देना अच्छा लगता है. ऐसे लोग अच्छे प्रशासक, बॉस और लीडर साबित होते हैं. बुधादित्य योग सभी लग्न और राशियों में अलग अलग शुभ फल प्रदान करता है. जिस कुंडली में यह योग होता है, वह जीवन में सफलता प्राप्त करता है. इस योग को शुभ बनाए रखने के लिए सूर्य देव को रविवार को जल अर्पित करना चाहिए. इसके साथ बुधवार को गणेश जी की पूजा करनी चाहिए.


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