Rajyog: शश योग,गजकेसरी योग,लक्ष्मीनारायण योग और बुधादित्य क्या होते हैं, इसके फल से वाकई इंसान की बदल जाती है किस्मत?
Rajyog Benefits: राजयोग वो शुभ योग कहा जाता है जिसमें व्यक्ति अपने अच्छे कर्मों के सबसे शुभ फल पाता है. यह योग बनने पर व्यक्ति जीवन में सारी सुख- सुविधाएं पाता है.
Jyotish Shastra: ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे शुभ योग बताए गए जो कुंडली में हों तो व्यक्ति सुख-सुविधाओं में जीवन व्यतीत करता है. इन शुभ योग को राजयोग कहा जाता है. इसमें व्यक्ति अपने अच्छे कर्मों के सबसे शुभ फल पाता है. उसे राजा के समान जीवन और भौतिक सुख सुविधाएं मिलती है.
शश योग,गजकेसरी योग,लक्ष्मीनारायण योग और बुधादित्य ऐसे ही राजयोग हैं. माना जाता है कि कुंडली में ये राजयोग हों तो जातक को हर काम काम में सफलता मिलती है. उसके हर काम बन जाते हैं. आइए जानते हैं कि यह राजयोग क्या हैं और किस तरह इनके बनने पर किस्मत चमक जाती है.
शश योग
शश योग कुंडली में शनि ग्रह की विशेष स्थिति के कारण बनता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि मकर, कुंभ में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है तब शश योग बनता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है वह जातक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है.
शश योग बनने पर व्यक्ति उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठित पद हासिल करता है. जिन लोगों की कुंडली में शश योग का निर्माण हो रहा हो तो ऐसे व्यक्ति बड़े सरकारी अफसर, अभियंता, जज, वकील बनते हैं. यह लोग भूमि, भवन संबंधी कार्यों में भी सफलता हासिल करते हैं.
गजकेसरी योग
कुंडली में गजकेसरी योग गुरु और चंद्रमा से बनता है. अगर केंद्र स्थान यानी लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो और बलवान हो तो यह योग बनता है वहीं अगर चंद्रमा गुरु से केंद्र में हो या फिर चंद्र पर गुरु की कोई एक दृष्टि जा रही हो तो भी यह योग बनता है. गजकेसरी योग एक बहुत ही शुभ योग माना जाता है.
गजकेसरी योग कुंडली में बनने वाले सभी धन योगों में सबसे प्रबल होता है. यह योग धन के कारक गुरु और मन के कारक चंद्रमा से बनता है. यह योग होने पर व्यक्ति गज के समान शक्ति और धन दौलत प्राप्त करता है. ऐसे लोग अपनी सूझबूझ और अदम्य साहस के बल पर सभी कार्य सिद्ध कर लेते हैं.
लक्ष्मीनारायण योग
लक्ष्मी नारायण योग एक बेहद शुभ योग माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व बताया गया है. जब किसी भी राशि में बुध और शुक्र ग्रह दोनों एक साथ होते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है. ज्योतिष में यह योग बेहद शुभ माना जाता है. इस योग से लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है. इस योग के बनने पर धन धान्य की वर्षा होती है. जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है वह लोग बहुत प्रतिभावान होते हैं.
बुधादित्य योग
कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने से बुधादित्य योग बनता है. बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में होता है उसे प्रबल बनाने का काम करता है. बुध और सूर्य ग्रह के एक साथ एक ही घर में होने से यह विशेष फल प्रदान करता है. अगर किसी व्यक्ति के प्रथम भाव में बुधादित्य योग बन रहा हो तो ऐसे में उस व्यक्ति को मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है.
बुधादित्य योग के बनने से जातक करियर के प्रति गंभीर रहता है. ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य की पूर्ति करता है. यह योग बनने पर व्यक्ति को सुखी जीवन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
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