Raksha Bandhan 2023: इस साल रक्षा बंधन कब? जानें सही डेट और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
Raksha Bandhan 2023 date: इस साल रक्षाबंधन मनाने के लिए आपको धैर्य रखना होगा. सावन मास की लंबी अवधि और भद्रा के कारण ऐसा योग बन रहा है. आइए जानते हैं पंचाग के अनुसार इस साल राखी का शुभ मुहुर्त क्या है
Raksha Bandhan 2023 Date: हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन को भाई-बहन के प्रेम का अटूट त्योहार कहा गया है. ये ना सिर्फ एक त्योहार है बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को प्यार में बदल देता है ये त्योहार. इस साल रक्षाबंधन पर रवि योग पड़ रहा है जिससे कि इस पर्व का महत्व और बढ़ गया है. ज्योतिषशास्त्र की मानें तो यह योग शुभ है. यह योग सारे दुष्प्रभावों को खत्म करता है और भाई बहन के रिश्ते को किसी की नजर नहीं लगती.
इस बार रक्षाबंधन किस दिन पडे़गा इस बात को लेकर लोगों में संशय बना हुआ है. यह त्योहार सावन मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. श्रावण पूर्णिमा या कजरी पूर्णिमा को रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा रही है. यह परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है जिसे मध्यकालीन भारत में राखी कहा जाने लगा. मान्याताओं के अनुसार राखी में भद्रा काल का ध्यान रखा जाता है. इस काल में राखी बांधने से रिश्ते पर बुरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं राखी बांधने के उचित और शुभ मुहूर्त के बारे में-
कब है रक्षाबंधन
हिन्दू पंचाग के अनुसार इस बार सावन 59 दिनों का होने जा रहा है. ऐसा संयोग सालों के बाद बन रहा है. तारीख में देरी के कारण सारे त्योहार में देरी देखी जाएगी.
पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा. हालांकि, रक्षाबंधन के दिन इस बात का ख्याल रखना चाहिए की भद्रकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. भद्रकाल को अशुभ मुहूर्त है, इसलिए लिए शुभ मुहूर्त में ही बहनों को अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए.
रक्षाबंधन 2023 राखी बांधने का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. सावन पूर्णिमा तिथि का आरंभ 30 अगस्त 2023 को प्रातः 10:59 मिनट से होगी. पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा आरंभ हो जाएगी जो कि रात्रि 09:02 तक रहेगी. शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने का निषेध कहा गया है तथा इस दिन भद्रा का काल रात्रि 09:02 तक रहेगा. इस समय के बाद ही राखी बांधना ज्यादा उपयुक्त रहेगा.
पौराणिक मान्यता के अनुसार राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है, लेकिन यदि दोपहर के समय भद्रा काल हो तो फिर प्रदोष काल में राखी बांधना शुभ होता है.
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