Raksha Bandhan 2023: राखी बांधते समय बहनें पढ़ें ये मंत्र, बढ़ेगा प्यार, भाई करेगा खूब तरक्की
Raksha Bandhan: राखी का त्योहार पूरे देश में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
Raksha Bandhan Mantra: रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. भद्रा लगने की वजह से इस बार यह त्योहार 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा. इस शुभ दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसके सुखमय जीवन की कामना करती हैं. हिंदू धर्म में कोई भी पवित्र कार्य मंत्रों के बिना पूरा नहीं माना जाता है. रक्षाबंधन के दिन भी बहनों को राखी बांधते समय एक खास मंत्र का जाप करना चाहिए. आइए जानते हैं इस मंत्र के बारे में.
रक्षा बंधन के दिन करें इस मंत्र का जाप
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब भी किसी व्यक्ति की कलाई पर कोई रक्षा या पवित्र धागा बांधा जाता है, तो उस समय एक खास मंत्र का जाप जरूर किया जाता है. इससे जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति और सफलता मिलती है. रक्षाबंधन के त्योहार में भाई की कलाई पर राखी बांधते समय भी बहनों को इस मंत्र का जाप करना चाहिए. ये मंत्र निम्मलिखित है.
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।
मंत्र का अर्थ
इस मंत्र का अर्थ है कि 'जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधता हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा'. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करते समय भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई-बहन का रिश्ता बहुत अधिक मजबूत होता है और भाई को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है. इस मंत्र के शुभ प्रभाव से भाई जीवन में खूब तरक्की करता है.
द्रौपदी ने भी बांधी राखी
रक्षापंधन का त्योहार प्राचीन काल से ही मनाया जाता रहा है. इस पर्व से कई पौराणिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं. एक कथा के अनुसार, महाभारत काल में जब भगवान कृष्ण ने शिशुपाल का वध करते समय अपनी एक उंगली काट दी थी तब द्रौपदी की दृष्टि भगवान कृष्ण की कटी हुई उंगली पर पड़ी. उंगली से निकलता रक्त देखकर वो घबराकर गईं और जल्दी से अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर दिया कृष्ण भगवान की उंगली पर बांध दिया. कथा के अनुसार, द्रौपदी ने श्री कृष्ण को सावन मास की पूर्णिमा तिथि को यह रक्षा सूत्र बांधा था. तभी से इस दिन राखी बांधने की परंपरा की शुरूआत.
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