Ram Mandir Bhumi Pujan: शतभिषा नक्षत्र में पीएम मोदी ने किया है भूमि पूजन, जानें इस नक्षत्र की विशेषता
Ram Mandir Bhumi Pujan: अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन शुभ मुहूर्त में संपंन हो गया. पीएम मोदी ने अति शुभ मुहूर्त में मंदिर का भूमि पूजन किया है. शतभिषा नक्षत्र में बनने वाले शुभ मुहूर्त में पूजन प्रक्रिया को पूर्ण किया. आइए जानते हैं शतभिषा नक्षत्र के बारें में.
Ram Mandir Bhumi Pujan: शुभ कार्य को शुभ मुहूर्त में करने की परंपरा है. शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार ज्ञात किए जाते हैं. पंचांग का निर्माण पांच चीजों से मिलकर बनता है. तिथि, नक्षत्र, करण, योग और वार, इन पांच चीजों से ही पंचांग का निर्माण होता है. इन चीजों के माध्यम से ग्रहों की गति को दर्शाया जाता है.
5 अगस्त को शुभ मुहूर्त का समय मध्याह 12 बजकर 44 मिनट आठ सेकेंड से लेकर 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड तक था. इसी दौरान मंदिर का शिलान्यास किया गया. इस दौरान राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में कुंडली के नवम भाव में था. वहीं पूजन के समय शतभिषा नक्षत्र था.
शतभिषा नक्षत्र का परिचय
शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर राहु और शनि का प्रभाव देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक साहसी होते हैं. शतभिषा नक्षत्र के प्रभाव से व्यक्ति जनकल्याण और परोपकार की भावना से युक्त होता है.
शतभिषा के सभी चरणों का फल
प्रथम चरण: स्वामी बृहस्पति हैं. शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी बृहस्पति शनि- राहु का शत्रु है. राहु की दशा उत्तम फल प्राप्त होता है.
द्वितीय चरण: इस चरण का स्वामी शनि हैं. शनि की दशा शुभ फलदायी होती है.
तृतीय चरण: इस चरण का स्वामी शनि हैं. शनि की दशा में शुभ मिलता है और राहु की दशा भी शुभ होती है. लेकिन राहु में शनि या शनि में राहु की अन्तर्दशा में कष्ट होता है.
चतुर्थ चरण: इस चरण का स्वामी बृहस्पति हैं. जो शनि और राहु का शत्रु है. बृहस्पति की दशा में अच्छा फल नहीं मिलता है लेकिन शनि की दशा अन्तर्दशा में शुभ फल प्राप्त होता है.
शतभिषा नक्षत्र में शुभ कार्य
शतभिषा नक्षत्र में किए जाने वाले शुभ कार्यों का फल बहुत ही शुभ माना गया है. इस नक्षत्र को समस्त प्रकार की अभिलाषाओं को पूरा करने वाला बताया गया है. इसलिए शुभ कार्य के लिए शतभिषा नक्षत्र को उत्तम माना गया है.